बिहार के बांका संसदीय क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार जवाहर कुमार झा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव, 2024 के लिए रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा उनका नामांकन “अवैध और मनमाने ढंग से” रद्द कर दिया गया था।
वकील अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत याचिका में शीर्ष अदालत से देश भर में उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को खारिज करने में चुनाव रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा अपनाए गए मनमाने और दुर्भावनापूर्ण विवेक पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया। इसने चुनाव रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश देने का आह्वान किया कि वे प्रत्येक उम्मीदवार को उनके चुनाव नामांकन पत्रों में पहचाने गए किसी भी दोष को सुधारने के लिए कम से कम एक दिन का “आवश्यक रूप से उचित अवसर प्रदान करें”।
इसके अतिरिक्त, याचिका में जनसंपर्क कार्यालय, बांका द्वारा 5 अप्रैल, 2024 को जारी प्रेस विज्ञप्ति को रद्द करने का अनुरोध किया गया, जिसमें झा के नामांकन को खारिज कर दिया गया था।
याचिका में झा को 26 अप्रैल 2024 को होने वाले आगामी संसदीय आम चुनाव 2024 को बांका 27 संसदीय क्षेत्र से लड़ने के लिए वैध उम्मीदवार के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया गया है। इसके अलावा, याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 36(4) के अनुसार “महत्वपूर्ण चरित्र के दोषों” को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने के लिए एक तत्काल और उचित रिट, आदेश या निर्देश की मांग की गई थी।
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