चुनाव आयोग ने इस बार के लोकसभा चुनावों में धनबल को शून्य करने के लिए व्यापक अभियान छेड़ा हुआ है। अब तक की गई कार्रवाईयों में औसतन 100 करोड़ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जब्ती की जा चुकी है। चुनाव आयोग की जानकारी के मुताकि 2024 में हो रहे चुनाव में धनबल के सबसे ज्यादा उपयोग की कोशिश की गई है। यह पिछले पिछत्तर सालों में सबसे ज्यादा धनबल के इस्तेमाल की घटना है। आयोग ने बताया है कि मतदान शुरू होने से पहले ही 4650 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं।आयोगों का कहना है कि कार्रवाई सख्त और बिना रुके जारी रहेगी। 2024 के आम चुनाव के साथ, ईसीआई अब तक की सबसे अधिक बरामदगी की राह पर है।
यह बरामदगी लोकसभा चुनाव कराने के ईसीआई के संकल्प का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और प्रलोभनों और चुनावी कदाचारों से मुक्त और समान अवसर सुनिश्चित करना है। सीईसी राजीव कुमार ने पिछले महीने चुनावों की घोषणा करते हुए धन शक्ति को ‘4M’ में से एक के रूप में रेखांकित किया था। दर असल, 12 अप्रैल को सीईसी राजीव कुमार और ईसी ज्ञानेश ने और सुखबीर सिंह संधू ने चरण-1 में तैनात सभी केंद्रीय पर्यवेक्षकों की समीक्षा की। इस समीक्षा के दौरान उक्त तथ्य प्रकाश में आए। समीक्षा में यह भी बताया गया कि तमिलनाडु के नीलगिरी में हुई एक घटना में आयोग ने उड़न दस्ता टीम को निलंबित कर दिया गया है। उनके स्थान नए उड़नदस्ते को तैनात किया गया है। इस उड़न दस्ते सहित आयोग ने 106 सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। इन लोगों को राजनेताओं को चुनाव प्रचार में सहायता करते हुए आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए पाया गया था।
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