आबकारी नीति घोटाला मामले में सलाखों के पीछे बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर तीख हमला बोला है आज (11 मार्च को ) ईडी हिरासत के दौरान सिसोदिया ने एक ट्वीट कर कहा कि ‘सर, आप मुझे जेल में डाल कर परेशान कर सकते हैं, लेकिन हौसला नहीं तोड़ सकते।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार (10 मार्च) को सिसोदिया को प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड में रखने के आदेश पारित किए थे। अदालत ने कहा कि उसे व्यापक पूछताछ और क्रॉस क्वेश्चनिंग के उद्देश्य से 17 मार्च तक 7 दिनों की अवधि के लिए ईडी की हिरासत में भेजा जा रहा है। ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले के संबंध में सिसोदिया की रिमांड मांगते हुए कहा था सिसोदिया ने लॉन्ड्रिंग के अपराध के साक्ष्यों को नष्ट करने के प्रयास किए हैं। इसलिए इनकी भूमिका संदिग्ध हो जाती है। इसलिए विस्तृत जांच के लिए रिमांड पर लेकर पूछताछ जरूरी है।
सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने सिसोदिया की 10 दिन की हिरासत की मांग वाली ईडी की याचिका का विरोध किया। एजेंसी ने कहा कि वह मनीष सिसोदिया से पूछताछ करने के लिए 10 दिन की हिरासत की मांग कर रही है ताकि उसकी कार्यप्रणाली की पहचान की जा सके और समन किए गए अन्य व्यक्तियों का सामना किया जा सके। ईडी ने कोर्ट को बताया कि मनीष सिसोदिया ने दूसरे लोगों के नाम से सिम कार्ड और मोबाइल फोन खरीदे थे। आबकारी नीति बनाने के पीछे साजिश थी। साजिश विजय नायर द्वारा समन्वित की गई थी, अन्य लोगों के साथ और आबकारी नीति थोक विक्रेताओं के लिए असाधारण लाभ मार्जिन के लिए लाई गई थी, ईडी ने अदालत में तर्क दिया। ईडी ने अदालत को बताया कि निजी संस्थाओं को थोक लाभ मार्जिन का 12 प्रतिशत का मार्जिन था जीओएम बैठक में कभी चर्चा नहीं हुई।
इससे पहले, सिसोदिया को गुरुवार (9 मार्च) को ईडी ने आबकारी नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। उन्हें तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत के दौरान गिरफ्तार किया गया था, जहां वह बंद थे। सिसोदिया को सीबीआई ने शराब नीति में गिरफ्तार किया था। मामला 26 फरवरी को और 6 मार्च को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। ईडी ने इस मामले में पहले भी एक और गिरफ्तारी की थी, क्योंकि इसने हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई को अपनी हिरासत में लिया था।
सिसोदिया को सीबीआई ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (जीएनसीटीडी) की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में गिरफ्तार किया था। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
दरअसल, साल 2021 में कोविड -19 महामारी के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली कैबिनेट में आबकारी नीति पारित की गई थी। इस नीति में ठेकेदारों के अनुभव में छूट के अलावा, शराब के ठेकेदारों का कमीशन बढ़ाए जाने का मामला था। सिसोदिया उन 15 अन्य लोगों में शामिल थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले में आबकारी अधिकारियों, शराब कंपनी के अधिकारियों, डीलरों, कुछ अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों पर मामला दर्ज किया गया था।