विधि एवं न्याय मंत्रालय ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी कर न्यायमूर्ति नोंगमीकापम कोटेश्वर को गुवाहाटी उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया।
विधि मंत्रालय के तहत आने वाले न्याय विभाग द्वारा एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि “भारत के संविधान के अनुच्छेद 223 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने गौहाटी उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम उप-न्यायाधीश न्यायमूर्ति नोंगमीकापम कोटिस्वर सिंह को नियुक्त किया है और न्यायमूर्ति सिंह 12 जनवरी से कार्यभार संभालेंगे। मुख्य न्यायधीश रश्मिन मनहरभाई छाया का कार्यकाल 11 जनवरी को पूरा हो रहा है
न्याय विभाग (नियुक्ति प्रभाग) ने कहा कि, भारत के संविधान के अनुच्छेद 223 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद के कर्तव्यों का पालन करने के लिए, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश, न्यायमूर्ति नोंगमेइकापम कोटिस्वर सिंह को नियुक्त किया है।
रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ, पुरुलिया, पश्चिम बंगाल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने और सेंट एंथोनी कॉलेज, शिलांग से विज्ञान में प्री-यूनिवर्सिटी पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद, न्यायमूर्ति सिंह ने किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में 1983 में बी.ए. (ऑनर्स) से अपना स्नातक कि पढाई पूरी करी । उसके बाद उन्होंने कैंपस ऑफ़ लॉ सेंटर (दिल्ली विश्विद्यालय) से 1986 में लॉ कि डिग्री प्राप्त करी और फिर 1986 में एक अधिवक्ता के तौर पर खुद को नामांकित किया। वर्ष 1992 में लंदन विश्वविद्यालय में छह महीने के “कॉमनवेल्थ यंग लॉयर्स कोर्स” में भी भाग लिया।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक संक्षिप्त अभ्यास के बाद, उन्होंने गौहाटी उच्च न्यायालय के तहत असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के सामान्य उच्च न्यायालय में अभ्यास करना शुरू कर दिया। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण, गुवाहाटी और मणिपुर में अधीनस्थ न्यायालयों (सबोर्डिनेट कोर्ट्स) में भी अभ्यास किया, और विभिन्न सरकारी विभागों, मणिपुर सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों/संस्थानों के लिए भी स्थायी वकील के तौर पर कार्य किय। मणिपुर में जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत गठित कई आयोगों के समक्ष भी न्यायमूर्ति नोंगमीकापम उपस्थित हो चुके है।
31 मार्च, 2008 को न्यायमूर्ति नोंगमीकापम को गौहाटी उच्च न्यायालय द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। 3 नवंबर, 2007 से मणिपुर राज्य के एक महाधिवक्ता के रूप में तब तक कार्य किया,जब तक कि खंडपीठ में पदोन्नति नहीं हुई।
आगे चल कर न्यायमूर्ति नोंगमीकापम ने 17 अक्टूबर, 2011 को गौहाटी उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और फिर 7 नवंबर, 2012 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
जस्टिस सिंह को 23 मार्च, 2013 से मणिपुर उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।मणिपुर के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय के कर्तव्यों का पालन करने के लिए 01.07.2017 से 08.02.2018 तक और दोबारा उसी पद पर 23.02.2018 से 17.05.2018 तक कार्यभार संभाला।
न्यायमूर्ति नोंगमीकापम 28-30 मई 2018 में बच्चों के लिए न्याय पर विश्व कांग्रेस यूनेस्को, पेरिस में भी भाग ले रखा है। और यहां तक कि 10-14 सितंबर 2018 को वाशिंगटन डीसी और ऑरेंज काउंटी, कैलिफोर्निया में न्यायमूर्ति नोंगमीकापम “आतंकवाद-विरोधी चरण- II प्रशिक्षण पर कार्यशाला” में भाग लेने वाली आठवीं उच्च न्यायालय की जस्टिस टीम का हिस्सा भी रह चुके है।
न्यायमूर्ति नोंगमीकापम गुवाहाटी उच्च न्यायालय में स्थानांतरण होने पर, 11.10.2018 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। वर्तमान में, न्यायमूर्ति नोंगमीकापम असम राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के केंद्रीय प्राधिकरण सदस्य के साथ साथ राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल के शासी निकाय के सदस्य के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं।