सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से, केरल उच्च न्यायालय ने अवैध रूप से संशोधित वाहनों और चलती गाड़ियों के ड्राइवर के केबिन से वीडियो रिकॉर्ड करने वाले व्लॉगर्स के खिलाफ कड़े आदेश जारी किए हैं।
कोर्ट के क्या आदेश?
अदालत का यह आदेश उन असुरक्षित प्रथाओं को रोकने के लिए है जो सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए खतरा पैदा करती हैं और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन करती हैं। अदालत ने कहा कि चलती गाड़ी के ड्राइवर के केबिन के अंदर फिल्मांकन करने वाले व्लॉगर्स ड्राइवर की एकाग्रता से समझौता करते हैं, जिससे सड़क सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न होता है।
इसके अलावा, उच्च न्यायालय ने मोटर वाहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों को यूट्यूब जैसी ऑनलाइन प्लेटफार्मों से सबूत इकट्ठा करने का निर्देश दिया है।
इन अधिकारियों का काम उन वीडियो की पहचान करना है जो अत्यधिक संशोधित वाहनों को दिखाते हैं और शामिल वाहन मालिकों और व्लॉगर्स के खिलाफ उचित कार्रवाई करना है। चलती गाड़ी के ड्राइवर के केबिन के अंदर रिकॉर्डिंग करने वाले व्लॉगर्स को ड्राइवर का ध्यान भटकाने और अन्य मोटर चालकों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए दंड का सामना करना पड़ेगा।
https://www.youtube.com/watch?v=uUCTo0tLE-I
कितना लगेगा जुर्माना?
अवैध रूप से संशोधन करने वाले वाहन मालिकों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
अदालत के फैसले से अवैध संशोधनों, जैसे कि अवैध लाइट्स और एग्जॉस्ट सिस्टम, पर रोक लगाई जाएगी, जो अत्यधिक रोशनी, धुआं और शोर उत्सर्जन का कारण बनते हैं, सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते हैं और प्रदूषण में योगदान करते हैं।
इसके अलावा, अत्यधिक संशोधित वाहनों के पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) रद्द या निलंबित किए जाएंगे। अदालत ने टोल, पार्किंग शुल्क और पुलिस जांच से बचने के लिए वाहनों पर सरकारी प्रतीकों और नाम पट्टियों के दुरुपयोग के खिलाफ भी चेतावनी दी। इस संबंध में उल्लंघनों से अभियोजन होगा, जिससे राज्य और राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रदर्शन को नियंत्रित करने वाले नियमों का पालन सुनिश्चित होगा।