1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में दोषी ठहराए गए सरदार खान को मंगलवार को भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले के प्रमुख आरोपियों में से एक हैं।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने सरदार खान को जमानत दी।सरदार खान को जमानत 2,00,000 रुपये के निजी मुचलके पर मंजूर की गई।
ऐसा बताया जाता है कि सरदार खान, औरंगाबाद में केंद्रीय कारागार से फिल्हाल रिहा नहीं हो सकता क्योंकि वह बम विस्फोट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, सरदार खान ने मलिक को दाऊद की बहन हसीना पारकर के साथ सौदा करने में मदद की थी।
दाउद इब्राहीम की बहन हसीना पार्कर के मुख्य आरोपी मलिक को ईडी ने पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया था। वह न्यायिक हिरासत में है और फिलहाल यहां एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।राकांपा के वरिष्ठ नेता और हसीना पार्कर मदद के आरोपी की जमानत अर्जी बंबई उच्च न्यायालय में लंबित है। उन्हें विशेष पीएमएलए अदालत ने पहले जमानत से वंचित कर दिया था।