पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सोमवार को लाहौर उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक मामले में लाहौर उच्च न्यायालय ने 3 मार्च तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए जमानत दे दी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अली बकर नजफी ने 70 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख इमरान खान की जमानत दी है। सुनवाई के लिए पहुंचे खान के स्वागत के लिए पीटीआई समर्थकों की भारी भीड़ अदालत के बाहर जमा हो गई थी। उन्होंने बेंच के सामने पेश होने के लिए शाम 5 बजे और 7:30 बजे की दो डेडलाइन दी थी।
पिछले हफ्ते, इस्लामाबाद की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने मामले में अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए पूर्व पीएम की याचिका को खारिज कर दिया था। पूर्व क्रिकेट कप्तान के खिलाफ पिछले अक्टूबर में आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था, जब उनकी पार्टी के कार्यकर्ता तोशखाना मामले में अपने नेता की अयोग्यता के बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग के कार्यालयों के बाहर सड़कों पर उतर आए थे। इस्लामाबाद, पेशावर और कराची सहित शहरों में प्रदर्शनकारी पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। अदालत ने खान को पिछले साल अक्टूबर में अग्रिम जमानत दी थी और उन्हें कई मौकों पर तलब किया था। लेकिन पीटीआई नेता एक हत्या के प्रयास में प्राप्त चोटों के कारण चिकित्सा आधार का हवाला देते हुए अदालत में उपस्थित नही हुए थे।