आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को भ्रष्टाचार के तीन में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
वकील कृष्ण मूर्ति ने कहा, “आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने इनर रिंग रोड, फाइबर नेट और अंगल्लू 307 मामलों में टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) प्रमुख और पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की जमानत याचिका खारिज कर दी है।”
इससे पहले, विजयवाड़ा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की जमानत याचिका पर अपना फैसला टाल दिया था। एसीबी अदालत ने कथित करोड़ों रुपये के कौशल विकास घोटाला मामले में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख की रिमांड 19 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी।
3 अक्टूबर को, सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई टाल दी थी। जिसने उसी कौशल विकास निगम घोटाला मामले से जुड़ी एफआईआर को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
कथित करोड़ों रुपये के कौशल विकास घोटाला मामले में पिछले महीने आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता की गिरफ्तारी ने राज्य में राजनीतिक अशांति पैदा कर दी थी। कई टीडीपी नेताओं ने आरोप लगाया था कि नायडू की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और झूठे आरोपों पर आधारित थी।
इस बीच, आंध्र प्रदेश सीआईडी के प्रमुख एन संजय ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू एपी कौशल विकास घोटाले में प्राथमिक साजिशकर्ता थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में नायडू ने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार की साजिश रची थी।
इसके अलावा, शनिवार को चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी ने तेलुगु देशम पार्टी के विभिन्न नेताओं के साथ टीडीपी नेता की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से पार्टी के अस्थायी कैंप कार्यालय में लाइटें बंद कर दीं और विरोध स्वरूप मिट्टी के दीपक जलाए थे।