महाराष्ट्र विधानसभा में लोकायुक्त विधेयक 2022 बुधवार को पारित हो गया है। मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को भ्रष्टाचार रोधी संस्था लोकपाल के दायरे में लाने के लिए यह विधेयक लाया गया था।
विधेयक पारित होने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे ऐतिहासिक कानून करार दिया।
उन्होंने कहा, महाराष्ट्र इस तरह का कानून बनाने वाला पहला राज्य है।
दरसअल विधेयक के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी जांच शुरू करने से पहले विधानसभा की स्वीकृति प्राप्त करनी होगी और प्रस्ताव को सदन के समक्ष रखना होगा। इस तरह के प्रस्ताव को पारित कराने के लिए विधानसभा के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों की सहमति जरूरी होगी।
महाराष्ट्र लोकायुक्त विधेयक 2022 में यह भी प्रावधान है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप से जुड़े किसी ऐसे मामले जो आंतरिक सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित हैं, उसकी कोई भी जांच गुप्त रखी जाएगी और अगर लोकायुक्त इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि शिकायत खारिज करने लायक है तो जांच के रिकॉर्ड प्रकाशित नहीं किए जाएंगे या किसी को उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे।