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हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू के सिविल अस्पताल में पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी पर हाई कोर्ट सख्त, राज्य सरकार को जारी किया नोटिस

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को रोहड़ू सिविल अस्पताल में नर्सों और फार्मासिस्ट के खाली पदों पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब जवाब मांगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंदर सिंह की खंडपीठ मामले की सुनवाई अगली तारीख 25 मई को निर्धारित की है।

हाई कोर्ट ने 16 मई 2023 को एक समाचार पत्र में प्रकाशित एक समाचार के आधार पर न्यायालय द्वारा जनहित याचिका के रूप में स्वत: संज्ञान लेने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया। इतना ही नही अदालत ने जनहित में याचिका दर्ज करते हुए निदेशक स्वास्थ्य और BMO रोहड़ू को भी प्रतिवादी बनाया है।

सिविल अस्पताल रोहड़ू में पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण मरीज मरहम पट्टी के लिए भटक रहे हैं। बताया गया है कि अस्पताल में हर दिन 400 से 500 OPD होती है और मरीजों को मरहम पट्टी की जरूरत रहती है। अस्पताल में अभी नर्सों के 31 पदों में से 17 खाली चल रहे हैं।

अगर कोई छुट्टी पर जाता है तो डॉक्टरों को पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी का निर्वहन करना होता है। इसके अलावा, कुछ नर्सों को कोविड अवधि के दौरान लगाया गया है और यदि उनकी सेवाएं बंद कर दी जाती हैं, तो अस्पताल के कामकाज में गंभीर बाधा आएगी।

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About the Author: Meera Verma

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