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1993 सीरियल ब्लास्टः टाडा कोर्ट ने दो आरोपियों को सुनाई उम्रकैद, टुंडा को बरी कर दिया

TADA Court, Abdul Kreem Tunda

आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधि अधिनियम (टाडा) अदालत ने गुरुवार को 1993 सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में टुंडा को बरी कर दिया। जबकि दो आरोपी इरफान और हमीदुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

टुंडा के वकील शफकत सुल्तानी ने कहा कि अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ सीबीआई कोई भी पुख्ता सबूत पेश करने में नाकाम रही।

“अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है, आज कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। अब्दुल करीम टुंडा को सभी धाराओं और सभी अधिनियमों में बरी कर दिया गया है। वकील सुल्तानी ने संवाददाताओं से कहा सीबीआई अभियोजक टाडा, आईपीसी, रेलवे अधिनियम, शस्त्र या विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में अदालत के समक्ष कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका।

सीबीआई ने टुंडा पर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर चार ट्रेनों में हुए विस्फोटों का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा, “हम शुरू से ही कह रहे थे कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है…इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी ठहराया गया है और जल्द ही सजा सुनाई जाएगी।”

5-6 दिसंबर, 1993 की दरम्यानी रात को लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में विस्फोटों को अंजाम देने के लिए टुंडा और दो अन्य आरोपियों, जिनकी पहचान इरफान उर्फ पप्पू और हमीरुद्दीन के रूप में की गई है, के खिलाफ आरोप तय किए गए थे।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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