कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला की मुश्किलें बढ़ गई है। 23 साल पुराने मामले में वाराणसी कोर्ट ने सुरजेवाला के ख़िलाफ़ गैर जमानती वारंट जारी किया है। साथ ही अदालत ने कांग्रेस के 14 नेताओं के खिलाफ आरोप भी तय किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।
दरसअल बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं को फर्जी ढंग से आरोपी बनाए जाने के विरोध में 21 अगस्त 2000 को रणदीप सिंह सुरजेवाला (भारतीय युवा कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष) और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आयुक्त कार्यालय परिसर में जबरदस्ती घुस कर तोड़फोड़ और हंगामा किया था। उस समय पुलिस ने मौके से सुरजेवाला समेत कई नेताओं को गिरफ्तार भी किया था।
दरसअल इस मामले में सोमवार यानी 14 मार्च को आरोप तय किए जाने को लेकर सुनवाई होनी थी और सभी आरोपियों को अदालत में पेश होना था। अदालत में सुरजेवाला की ओर से संसद की कार्यवाही का हवाला देते हुए कोर्ट से कई अन्य तारीख देने की अपील की गई थी।अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र को रद्द करते हुए कहा कि आरोपियों की व्यक्तिगत उपस्थिति का आखिरी मौका दिया जा रहा है।
विशेष न्यायाधीश (एमपी- एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने मुकदमे की सुनवाई में उपस्थित न होने पर सोमवार को सुरजेवाला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। अदालत ने अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।