राज्य के संसद सदस्य श्री कार्तिकेय शर्मा ने कहा है कि भारत सरकार और उसकी मशीनरी सही कानून बना रही है और सही दिशा में चल रही है जिससे भ्रष्टाचार मुक्त व्यापार अनुकूल वातावरण बना है। वो एबीए इंडिया कॉन्फ्रेंस के पैनल डिस्कशन के मुख्य वक्ता थे। चर्चा का विषय था कानून, आर्थिक विकास और शासन था।
राज्यसभा के सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग भारत में व्यापार करना चाहते हैं लेकिन भारतीय कानूनों का पालन नहीं करते हैं। वे लंदन या सिंगापुर जाना चाहते हैं। यह वकीलों की सोच नहीं बल्कि उस व्यक्ति की सोच है जो अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से डील करने आ रहे हैं। अगर आप भारत आए हैं तो भारत का कानून आपको पालन करना होगा।
हालांकि उन्होंने कहा कि भारतीय कानूनों पर हस्ताक्षर करने में हिचकिचाहट और अनिच्छा एक मुद्दा है और यह शायद अक्षमता इसका कारण है। भारत में अनुबंधों को लागू करने की क्षमता एक समस्या रही है, लेकिन सरकार ने व्यवस्थित रूप से इन सब को हल करने की कोशिश कर रही है। ऐसे तमाम मुद्दों को मध्यस्थता केंद्रों के माध्यम से हल किया जा सकता है और किया जा रहा है। इस दिशा में सकारात्मत सक्रिय दृष्टिकोण अपननाते हुए मुद्दों को हल करना बेहतर है ना कि बल्कि अदालत में बार-बार चक्कर लगाना।
राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि मध्यस्थता केंद्र अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय की राह आसान करने का तरीका है। यह विकास के लिए अनुकूल है। जो लोग पैसा लगाते हैं और उम्मीद करते हैं कि उनका विकास हो। भारत को उस उम्मीद पर खरा उतरना है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वहां बहुत सारे सही कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे तमाम उदाहरण हैं जहां भारत सरकार के नए कानून लोगों को बहुत ही मौलिक स्तर पर प्रभावित करते हैं।
सासंद कार्तिकेय शर्मा ने उदाहरण देते हुए कहा कि 2016 में जब स्टार्ट अप इंडिया की शुरुआत हुई थी, उस समय केवल 471 स्टार्ट अप थे, आज हमारे पास 13 हजार हैं, यह दर्शाता है कि सरकार अच्छे कानून बना रही है और सही दिशा में आगे बढ़ रही है। इससे पर्यावरण में सकारात्मक बदलाव आया और नुकसान कम हुआ। हमारे पास पिछले साल 100 से अधिक यूनिकॉर्न थे। दरअसल सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए कानूनों से व्यवसाय और उद्योगों के लिए आधारभूत संरचना बनाने, पैसा जुटाने और विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिलती है। आज की स्थिति में भारत औद्योगिक क्रांति में अग्रणि स्थिति है।