आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने पिछले कर रिटर्न में विसंगतियों के लिए 210 करोड़ रुपये के जुर्माने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की अपील को खारिज कर दिया है। ट्रिब्यूनल के फैसले की घोषणा शुक्रवार 8 मार्च को की गई, जिसके बाद पार्टी ने उच्च न्यायालय जाने सहित कानूनी विकल्प अपनाने की योजना की घोषणा की।
सूत्रों के मुताबिक, ट्रिब्यूनल द्वारा कांग्रेस की अपील खारिज करने का मामला आयकर विभाग द्वारा लगाए गए जुर्माने को लेकर था। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि पार्टी सक्रिय रूप से कानूनी सहारा लेने पर विचार कर रही है और तुरंत उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने जा रही है।
कांग्रेस नेता माकन ने ट्रिब्यूनल के ‘फैसले के समय’ की आलोचना की और भाजपा सरकार पर इसे राष्ट्रीय चुनावों के समय ट्रिब्यूनल पर दबाव डाल कर फैसला करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने, आसन्न राष्ट्रीय चुनावों के मद्देनजर आयकर अधिकारियों द्वारा कांग्रेस फंड को फ्रीज करने को लोकतंत्र पर हमला बताया।
कांग्रेस के कानूनी सेल के प्रमुख विवेक तनखा ने ट्रिब्यूनल के फैसले पर निराशा व्यक्त की और जोर देकर कहा कि वे इसे उच्च न्यायालय में चुनौती देने के लिए तेजी से कदम उठाएंगे। तनखा ने अतीत में इसी तरह के मामलों को संभालने में ट्रिब्यूनल की विसंगतियों पर प्रकाश डाला और इस मुद्दे को संबोधित करने की तात्कालिकता को रेखांकित किया, खासकर राष्ट्रीय चुनावों में पार्टी की आसन्न भागीदारी को देखते हुए।
कांग्रेस ने इससे पहले आयकर अधिकारियों की कार्रवाई की “टैक्स टेररिज्म” के रूप में निंदा की थी, जिसमें उसके बैंक खातों से अलोकतांत्रिक तरीके से धन निकालने और बड़ी मात्रा में रकम जब्त करने का आरोप लगाया गया था। माकन ने न्यायपालिका पर भरोसा जताते हुए लोकतंत्र के क्षरण को रोकने के लिए जांच एजेंसियों को जवाबदेह बनाने के महत्व पर जोर दिया।