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दिल्ली शराब घोटालाः ED के सामने पेश नहीं हुए CM केजरीवाल, कहा- एजेंसी का भेजा गया समन अवैध

Delhi Liquor Scam, Kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने एजेंसी को एक पत्र लिखकर समन नोटिस को वापस लेने औक इसकी कथित “अवैधता” पर जोर दिया।

‘लीगली स्पीकिंग’ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय अब उन्हें फिर से समन जारी कर सकता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री केजरीवाल ने तर्क दिया कि यह सम्मन “नाजायज और राजनीतिक प्रेरणा से प्रेरित” था, जो स्पष्ट रूप से चुनाव के लिए निर्धारित राज्यों में चुनाव प्रचार में उनकी भागीदारी को बाधित करने के लिए भेजा गया था। उन्होंने आगे दावा किया कि यह “अस्पष्ट, पूर्वाग्रहपूर्ण और कानूनी रूप से मान्य नहीं था।

श्री केजरीवाल ने कहा, “उक्त समन यह स्पष्ट नहीं है कि मुझे किस हैसियत से बुलाया जा रहा है, यानी, एक गवाह के रूप में या संदिग्ध के रूप में ।” उन्होंने अपने सम्मन के लिए विशिष्ट विवरण या कारणों के अभाव की ओर भी इशारा किया और इसे प्रवर्तन निदेशालय का घूम-घूम कर शिकार पकड़ने का अभियान बताया।

श्री केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में अपनी दोहरी भूमिकाओं पर भी जोर दिया, और मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में अपनी पार्टी के लिए “स्टार प्रचारक” के रूप में यात्रा करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। इन राज्यों में इसी महीने विधानसभा के चुनाव होने हैं।

इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अपने आधिकारिक दायित्वों का हवाला दिया, विशेष रूप से नवंबर के दूसरे सप्ताह में आगामी दिवाली त्योहार के मद्देनजर, प्रवर्तन निदेशालय से अपने समन को रद्द करने का आग्रह किया।

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने निकट भविष्य में श्री केजरीवाल के समन के लिए एक नई तारीख जारी करने की संभावना पर संकेत दिया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अभियोजन पक्ष के अनुरोध को स्वीकार किया था कि मामले की सुनवाई अगले 6-8 महीनों के भीतर समाप्त हो जाएगी।

केंद्रीय एजेंसी ने शुरू में श्री केजरीवाल को कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में पूछताछ के लिए और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था। केजरीवाल के सहयोगी मनीष सिसौदिया और संजय सिंह इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

आम आदमी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय गठबंधन के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने के लिए भाजपा की ओर से एक भयावह एजेंडे का आरोप लगाया था, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार एजेंसियों का इस्तेमाल कर केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है। आम आदमी पार्टी ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रवर्तन निदेशालय का समन को दिल्ली और पंजाब में उन्हें कमजोर करने का एक प्रयास है।

दरअसल, ईडी का आरोप है कि 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की शराब नीति को डीलरों हित ध्यान रख कर बनाया गया था। डीलरों से आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कथित तौर पर पर रिश्वत स्वीकार की थी। हालांकि आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों का लगातार खंडन किया है। दिल्ली के राज्यपाल ने सरकार की शराब नीति की जांच सीबीआई से कराने के आदेश जारी कर दिए थे जिसके बाद नीति रद्द कर दी गई।, इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला शुरू किया था।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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