दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के समय ही लगभग तय हो गया था कि अब ईडी भी शिकंजा कसेगी। लेकिन किसी को भी यह नहीं मालूम था कि ईडी इतनी जल्दी गिरफ्तार कर लेगी। वो भी तिहाड़ जेल से सीधा गिरफ्तार करेगी। यह गिरफ्तारी शराब घोटाले से बनाए गए पैसों की खपत और हवाला के जरिए इधर से उधर भेजने मामले यानी मनी लॉड्रिंग के आरोप में की गई है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जैसे ही मनीष सिसोदिया को सात दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया वैसे ही तय हो गया कि अब आम आदमी पार्टी और उससे जुड़े लोगों की गिरफ्तारी संभव है। कुछ लोग तो यह भी आरोप लगा रहे हैं कि ईडी अगला समन नव नियुक्त मंत्री सौरभ को भेज सकती है। क्यों जो साक्ष्य सामने आए हैं उनमें 100 करोड़ कही पहली खेप को सौरभ के माध्यम से ही गोवा पहुंचाया गया था। ईडी के निशाने पर अरविंद केजरीवाल से पहले दिल्ली के परिवहन का नाम भी सामने आ सकता है।
बहरहाल, देखते उस ऑर्डर को ईडी की दलीलों के बाद लिखा गया और मनीष सिसोदिया को सात दिन के लिए ईडी के सुपुर्द कर दिया गया।
- राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की दलील को रिकॉड पर लिया है। जिसमें ईडी ने कहा है कि मनीष सिसोदिया आबकारी नीति बनाने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- रिमांड कॉपी में ईडी ने दावा किया मनीष सिसोदिया ने कार्टेल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी साथ ही मनीष सिसोदिया ने लाइसेंस देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- कोर्ट ने कहा कि आरोप लगाया गया कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी गैरकानूनी है लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं दिया गया।
- कोर्ट ने कहा ED के रिमांड आवेदन के अनुसार अभियुक्त आबकारी नीति तैयार करने तथा उसके कार्यान्वयन के प्रत्येक चरण में शामिल था।
- कोर्ट ने कहा रिमांड आवेदन में दावा किया गया है कि सिसोदिया न केवल अपराधों की आय के उत्पादन बल्कि उसकी अदायगी या पुन: शिपमेंट से भी जुड़ा प्रतीत होता है
— राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने माना कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी में PMLA की धारा 19 के प्रावधान का उल्लंघन नहीं हुआ, न ही गिरफ्तारी अवैध है - कोर्ट ने कहा सिसोदिया को गिरफ्तारी के ग्राउंड के बारे में जानकारी भी दी गई।
नोट: अदालत ने अपने आदेश में ईडी की रिमांड कॉपी का जिक्र किया है। अदालत ने इस मामले में अपना कोई रुख नही दिया है।