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बार काउंसिल ऑफ इंडिया और बार काउंसिल ऑफ इंग्लैण्ड के बीच महत्वपूर्ण समझौता

BCI

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक दूसरे के अधिकार क्षेत्र के बीच प्रशिक्षण और सीखने के आपसी आदान-प्रदान के लिए वकीलों और कानून के छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए बार काउंसिल ऑफ इंग्लैंड एंड वेल्स एंड लॉ सोसाइटी ऑफ इंग्लैंड एंड वेल्स के साथ एक समझौता किया है।

समझौते के तहत, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के कुछ युवा वकीलों को इंग्लैण्ड की कुछ प्रतिष्ठित लॉ कंपनियों में प्रशिक्षण देने का करार हुआ है और इंग्लैण्ड के युवा वकील यहां आकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंग।

हालांकि, बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा अनुशंसित वकीलों को यूके में प्रैक्टिस करने का कोई अधिकार नहीं होगा। इसका उद्देश्य केवल दोनों अधिकार क्षेत्रों में सीखने और अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करना है।

इसी तरह, यूके के बार निकायों में इंटर्नशिप के लिए बीसीआई द्वारा चयनित लॉ छात्रों की सिफारिश की जाएगी।

समझौता के अनुसार बीसीआई इंग्लैंड और वेल्स के सॉलिसिटरों और बैरिस्टरों को प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करेगा। इस तरह के प्रशिक्षु सॉलिसिटर और बैरिस्टर को एमओयू की शर्तों के तहत भारत में किसी भी रूप में प्रैक्टिस की अनुमति नहीं दी जाएगी और 90 दिनों का कार्यक्रम केवल प्रशिक्षण और सीखने तक ही सीमित रहेगा।

समझौता ज्ञापन पर 5 जून को लंदन में आयोजित एक बैठक में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, इंग्लैंड और वेल्स की बार काउंसिल के अध्यक्ष के साथ-साथ इंग्लैंड और वेल्स की लॉ सोसाइटी के अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

बैठक के दौरान, बीसीआई के अध्यक्ष श्री मनन कुमार मिश्रा ने प्रतिनिधियों को सूचित किया कि भारत में विदेशी वकीलों के प्रवेश के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की आवश्यकता है। उपाध्यक्ष श्री एस प्रभाकरन ने कहा कि बीसीआई को भारतीय कानून फर्मों और भारतीय बार के एक वर्ग से अभ्यावेदन प्राप्त हुआ है। इस मुद्दे पर विदेशी निकायों की राय का भी स्वागत किया जाएगा।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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