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सनातन धर्म टिप्पणी विवाद: उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर

Supreme Court, Manipur

अधिवक्ता विनीत जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है, जिसमें सनातन धर्म के खिलाफ नफरत भरे भाषणों के लिए तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन और डीएमके के उप महासचिव अंडीमुथु राजा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

जिंदल की याचिका में शीर्ष अदालत से स्टालिन और ए राजा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए, 153बी, 295ए और 505 के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई।

दरअसल डीएमके युवा विंग के सचिव और तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन, जो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे भी हैं, ने “सनातन धर्म” के उन्मूलन के लिए अपनी टिप्पणी से काफी आक्रोश पैदा किया। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना “मच्छर, डेंगू, मलेरिया, बुखार और कोरोना” जैसी बीमारियों से करते हुए कहा कि इसे खत्म किया जाना चाहिए।

विवाद के जवाब में, उदयनिधि स्टालिन ने एक्स (पहले ट्विटर) पर स्पष्ट किया कि उन्होंने सनातन धर्म अनुयायियों के नरसंहार की वकालत नहीं की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म जाति और धर्म के आधार पर विभाजन को बढ़ावा देता है और इसे उखाड़ फेंकना मानवता और मानव समानता के पक्ष में एक रुख है।

वही ए राजा ने चेन्नई में केंद्र सरकार की विश्वकर्मा योजना के खिलाफ एक विरोध सभा के दौरान विवादास्पद टिप्पणी की। राजा ने सनातन धर्म और कुष्ठ रोग और एचआईवी जैसी बीमारियों के बीच तुलना करते हुए सुझाव दिया कि ये सभी सामाजिक कलंक हैं।

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About the Author: Neha Pandey

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