डीएमके सांसद ए राजा और कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को बिहार की मुजफ्फरपुर कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।
याचिका स्थानीय निवासी और वकील सुधीर कुमार ओझा द्वारा मुजफ्फरपुर अदालत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंकज कुमार लाल के समक्ष दायर की गई है। जिन्होंने पिछले सप्ताह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जो डीएमके के प्रमुख हैं, और उनके बेटे मंत्री उदयनिधि के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की थी।
राजनीतिक दिग्गजों और अन्य मशहूर हस्तियों के खिलाफ अपनी याचिकाओं के लिए खबरों में रहने वाले ओझा ने याचिका में राजा और खड़गे के बयानों की आलोचना की है।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत राजा और खड़गे पर मुकदमा चलाने की मांग की है।अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर तय की है।
दरअसल डीएमके युवा विंग के सचिव और तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन, जो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे भी हैं, ने “सनातन धर्म” के उन्मूलन के लिए अपनी टिप्पणी से काफी आक्रोश पैदा किया था। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना “मच्छर, डेंगू, मलेरिया, बुखार और कोरोना” जैसी बीमारियों से करते हुए कहा कि इसे खत्म किया जाना चाहिए।
विवाद के जवाब में, उदयनिधि स्टालिन ने एक्स (पहले ट्विटर) पर स्पष्ट किया कि उन्होंने सनातन धर्म अनुयायियों के नरसंहार की वकालत नहीं की थी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म जाति और धर्म के आधार पर विभाजन को बढ़ावा देता है और इसे उखाड़ फेंकना मानवता और मानव समानता के पक्ष में एक रुख है।
वही ए. राजा ने चेन्नई में केंद्र सरकार की विश्वकर्मा योजना के खिलाफ एक विरोध सभा के दौरान विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने टिप्पणी की कि ‘सनातन धर्म’ पर उदयनिधि के विचार अपेक्षाकृत नरम थे। राजा ने सनातन धर्म और कुष्ठ रोग और एचआईवी जैसी बीमारियों के बीच तुलना करते हुए सुझाव दिया कि ये सभी सामाजिक कलंक हैं।