भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को घोषणा की कि सुप्रीम कोर्ट को जल्द ही राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड से जोड़ा जाएगा, जो तालुका स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अदालतों में लंबित मामलों और निपटान से संबंधित डेटा का भंडार है। हालांकि अभी इस ग्रिड पर केवल हाईकोर्ट स्तर का डेटा उपलब्ध है लेकिन शीघ्र जिला ही नहीं बल्कि ताल्लुका स्तर तक की अदालतों का डेटा इस पर उपलब्ध होगा।
सीजेआई चंद्रचूड़ की राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड की घोषणा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर प्रशंसा की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ जी का यह सराहनीय कदम है। प्रौद्योगिकी के इस तरह के उपयोग से पारदर्शिता बढ़ेगी और हमारे देश में न्याय वितरण प्रणाली में वृद्धि होगी।’ इससे पहले पीएम मोदी सीजेआई चंद्रचूड़ की लालकिले की प्राचीर से भी प्रशंसा कर चुके हैं। उस समय उन्होंने न्यायिक आदेशों और फैसलों को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के सीजेआई के प्रयासों की तारीफ की थी। जैसे ही
गुरुवार को सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट में में दिन की कार्यवाही शुरू करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत का डेटा वास्तविक समय के आधार पर एनजेडीजी (नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड) पर अपलोड किया जाएगा।सीजेआई ने कहा, “एक छोटी सी घोषणा। मगर यह एक ऐतिहासिक दिन है। एनजेडीजी एक अनूठा और सूचनाप्रद मंच है जिसे एनआईसी और सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस टीम द्वारा विकसित किया गया है। अब आप एक बटन के क्लिक पर वास्तविक समय की जानकारी देख सकते हैं।” मामलों की लंबितता और निपटान, वर्ष-वार, पंजीकृत और अपंजीकृत मामलों की कुल लंबितता, कोरम-वार तय किए गए मामलों की संख्या वगैरह सब एक क्लिक पर उपलब्ध होगा।”
इसके अलावा, सीजेआई ने यह भी कहा कि एनजेडीजी पर डेटा अपलोड करने से न्यायिक क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।एनजेडीजी 18,735 जिला और अधीनस्थ अदालतों और उच्च न्यायालयों के आदेशों, निर्णयों और मामले के विवरण का एक डेटाबेस है, जिसे ईकोर्ट प्रोजेक्ट के तहत एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया गया है। डेटा को कनेक्टेड जिला और तालुका अदालतों द्वारा लगभग वास्तविक समय के आधार पर अपडेट किया जाएगा।
यह देश के सभी कम्प्यूटरीकृत जिला और अधीनस्थ न्यायालयों की न्यायिक कार्यवाही और निर्णयों से संबंधित डेटा प्रदान करता है। सभी उच्च न्यायालय भी वेब सेवाओं के माध्यम से एनजेडीजी में शामिल हो गए हैं, जिससे वादकार न्याय की आसान पहुंच की सुविधा मिल रही है।