वकील सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट में जज नियुक्त करने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम फिर केंद्र सरकार से की है।
पूर्व CJI बीएन कृपाल के बेटे सौरभ कृपाल गे( समलैंगिक है) और उनके पार्टनर स्विस नागरिक है। कॉलेजियम का कहना है कि हरेक व्यक्ति को अपने मन मुताबिक सेक्सुअलओरिएंटेशन रखने का अधिकार हासिलहै। सौरभ कृपाल के अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन को लेकर खुलेपन के चलते उनकी जज के तौर पर उम्मीदवारी को खारिज नहीं किया जा सकता।
उनका व्यवहार हमेशा उत्कृष्ट रहा है और जज के तौर पर उनकी नियुक्ति बेंच में विविधता को बढ़ाएगी लाएगी। कॉलेजियम का ये भी कहना सवैंधानिक पदों पर मौजूद बहुत से लोगों के पार्टनर विदेशी नागरिक रहे है।ऐसे में विदेशी पार्टनर होने की वजह से उनका नाम खारिज करने का कोई औचित्य नहीं है।
दरसअल को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसफ ने कॉलेजियम बैठक की है। किरपाल के नाम पर फिर से जोर देने के अलावा इसने मद्रास, इलाहाबाद, कर्नाटक और पंजाब के उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के लिए कुछ सिफारिशें भी लीं। हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के लिए कॉलेजियम द्वारा लगभग दो दर्जन नई सिफारिशें भी की गईं।
कॉलेजियम का फैसला ऐसे समय में आया है जब न्यायपालिका और कार्यपालिका न्यायाधीशों के चयन तंत्र और दोनों के बीच शक्तियों के बंटवारे को लेकर आमने-सामने हैं। न्यायिक नियुक्तियों को निर्देशित करने वाली प्रक्रिया ज्ञापन (एमओपी) के तहत, सरकार केवल एक बार आपत्ति कर सकती है, अगर वह कॉलेजियम की सिफारिशों से सहमत नहीं है, लेकिन नाम दोहराए जाने के बाद निर्णय से बाध्य है।