ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) ने ईशनिंदा पीड़ित यूनुस मसीह और उसके परिवार के लिए सुरक्षा और न्याय की मांग की है। पाकिस्तान के फैसलाबाद के खुरियनवाला गांव में यूनुस मसीह (68) पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था।
एचआरएफपी ने मामले की तथ्य-खोज करते हुए घटना स्थलों, पुलिस स्टेशनों का दौरा किया और इसमें शामिल पात्रों का साक्षात्कार लिया। एचआरएफपी द्वारा जारी एक प्रेस बयान में कहा गया है कि आरोपों से मुक्त हुए यूनुस मसीह ने आपात स्थिति में सहायता की निरंतरता के लिए एचआरएफपी कार्यालय का दौरा किया।
यूनुस मसीह और उनके परिवार ने एचआरएफपी के साथ उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाने के परिणामों और कारणों का विवरण साझा किया है। एचआरएफपी टीम ने तथ्य, सबूत और दस्तावेज एकत्र किए और निष्कर्ष निकाला कि यह यूनुस मसीह के खिलाफ एक फर्जी आरोप था।