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पाकिस्तान की एक सिविल अदालत ने ‘आयरन ब्रदर’ चीन की एक्सप्लोरेशन कंपनी पर ठोंका 25 लाख डॉलर जुर्माना

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चीन-पाकिस्तान भले एक दूसरे को आयरन ब्रदर्स कहते हों लेकिन अब ऐसा कुछ बचा है- लगता नहीं। क्यों कि एक ओर जहां चीन ने पाकिस्तान को और अधिक कर्ज देने से इंकार कर दिया वहीं 39 मिलियन डॉलर कर्ज की ब्याज राशि भुगतान करने का फरमान सुना दिया है। पलटवार करते हुए पाकिस्तान की एक सिविल कोर्ट ने चाईना के एक पेट्रोलियम फर्म पर 25 लाख डॉलर का जुर्माना ठोंक दिया है। पाकिस्तानी अदालत के इस कदम से चीन-पाक के रिश्ते कमजोर होने की आशंका भी बन गई है।

दरअसल, पाकिस्तान के एक सिविल कोर्ट ने चीनी पेट्रोलियम फर्म चाइना नेशनल पेट्रोलियम कारपोरेशन (सीएनपीसी) पर 24.8 लाख डालर जुर्माना लगाया है। चीनी फर्म पर स्थानीय कंपनी पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन (प्राइवेट) लिमिटेड के साथ किए गए करार का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया गया है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, सिविल जज सैयद मुहम्मद जाहिद तेर्मिजी ने सुनवाई के बाद स्थानीय कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया।

सीएनपीसी 2001 में एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन करने वाली कंपनियों के लिए सेवा प्रदाता के रूप में पाकिस्तान आई थी। पहले 10 वर्ष के दौरान पाकिस्तान को एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन कंपनियों के लिए बड़ी संभावना वाला देश समझा जाता था और विदेशी कंपनियों ने उसकी ओर रुख किया था।

लेकिन बड़ी संख्या में कंपनियों के आने से सीएनपीसी को कठिनाई हुई। ऐसी स्थिति को भांपते हुए सीएनपीसी ने स्थानीय कंपनी के साथ समझौता किया था। स्थानीय कंपनी की मदद से सीएनपीसी ने ड्रीलिंग के ठेके प्राप्त किए और पाकिस्तान में टिकी हुई थी। स्थानीय कंपनी ने कोर्ट में सीएनपीसी पर करार का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए अर्जी दाखिल कराई थी। जिसे लोकल कोर्ट ने न केवल स्वीकार किया बल्कि करार तोड़ने के जुर्म में 25 लाख डॉलर का जुर्माना भरने का हुक्म भी सुना दिया।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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