उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने शुक्रवार को इस साल नवंबर में राज्य विधानसभा द्वारा पारित धर्मांतरण विरोधी संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। राज्य कानून के अतिरिक्त सचिव महेश चंद कोशिवा ने मीडिया को बाबत सूचित किया है।
राज्यपाल द्वारा विधेयक को मंजूरी दिए जाने से राज्य में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का रास्ता अब साफ हो गया है। धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 नामक विधेयक को शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा द्वारा पारित किया गया था। राज्य सरकार जल्द से जल्द इस कानून को लागू करना चाहती है। विधेयक के ध्वनिमत से पारित होने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “सरकार ने राज्य में धर्मांतरण के खिलाफ एक सख्त कानून बनाने का फैसला किया है।”
दरअसल उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2022 में जबरन धर्म परिवर्तन के दोषियों के लिए 10 साल तक की सजा का सख्त प्रावधान किया गया है साथ ही विधेयक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन को संज्ञेय और गैरजमानती अपराध बनाते हुए इसके दोषी के लिए न्यूनतम तीन साल से लेकर अधिकतम 10 साल तक के कारावास का प्रावधान है।
वही इसके तहत दोषी पाये जाने पर कम से कम 50 हजार रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। विधेयक के तहत अपराध करने वाले को कम से कम पांच लाख रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान करना पड़ सकता है जो पीड़ित को देना होगा।