राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत (एनएचआरसी) ने मंगलवार को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें एक 23 वर्षीय महिला और उसके नौ महीने के बच्चे की करंट लगने से मौत हो गई जब उन्होंने होप के पास फुटपाथ पर लावारिस पड़े बिजली के तार पर पैर रख दिया। यह घटना 19 नवंबर को बेंगलुरु के कडुगोडी इलाके में हुई थी।
एनएचआरसी ने अपने प्रेस बयान में कहा कि आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सच है, तो मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है, जो चिंता का विषय है। कथित घटना जाहिर तौर पर बेंगलुरु के बिजली विभाग की लापरवाही की ओर इशारा करती है।
तदनुसार, उसने कर्नाटक के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने आगे कहा कि रिपोर्ट में एफआईआर की स्थिति, खामियों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और मृतक के परिजनों को दिया गया मुआवजा, यदि कोई हो, शामिल होना चाहिए।