केरल उच्च न्यायालय ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) नेता और पूर्व विधायक केएम शाजी के घर पर छापेमारी के दौरान निगरानी द्वारा जब्त किए गए पैसे वापस करने का आदेश दिया है।
राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) के खिलाफ एचसी का आदेश शाजी द्वारा दायर एक याचिका पर आया था।
जस्टिस जियाद रहमान ने बैंक गारंटी के आधार पर 47.35 लाख रुपये जारी करने का आदेश दिया। कोर्ट ने शाजी की यह मांग मान ली कि विजिलेंस की कार्रवाई गैरकानूनी है और उन्हें पैसे लौटाने चाहिए।
पिछले साल विजिलेंस ने शाजी के अझीकोड स्थित घर से पैसे जब्त किए थे। शाजी का तर्क था कि यह पैसा चुनावी गतिविधियों के लिए इकट्ठा किया गया था।
शाजी ने पैसे वापस पाने के लिए कोझिकोड सतर्कता अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने मांग खारिज कर दी थी। इस कार्रवाई को संदिग्ध माना गया, जिसमें यह तथ्य भी शामिल था कि कई रसीदों में वसूली योग्य राशि से अधिक धनराशि पाई गई थी। तब शाजी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
विजिलेंस मामला सीपीएम कार्यकर्ता हरीश की शिकायत पर आधारित था कि शाजी ने अवैध संपत्ति अर्जित करके कोझिकोड में डेढ़ करोड़ रुपये का घर बनाया था। उच्च न्यायालय ने पहले मामले में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।