15 जून से फिर से बुलडोजर वसंत विहार इलाके में फिर से तोड़-फोड़ के लिए निकल पड़ेग। नेशनल डिसास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) को उसके मुख्यालय की भूमि पर स्थित झुग्गी बस्ती को हटाने की रोक लगाने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। अदालत ने संबंधित इलाके में अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी कर दिए है मगर यह कार्रवाई जो कि 15 जून से शुरू होगी। इस याचिका पर न्यायिक अधिकारी तुषार राव गेडेला ने वसंत विहार के स्लम क्लस्टर प्रियंका गांधी कैंप के निवासियों की ओर से यह निर्देश दिया है।
उन्होंने दिल्ली शहरी आवास सुधार बोर्ड (DUSIB) से याचिकाकर्ताओं के पुनर्वास की याचिका पर विचार करने को कहा है और उन्हें अस्थायी आश्रय में स्थानांतरित करने के लिए कहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा है कि इस कैंप में पिछले तीन दशकों से लोग रह रहे हैं और उन्हें यहां रहने का अधिकार है, क्योंकि 2015 की पुनर्वास नीति के तहत वे यहां रहने के हकदार हैं।
NDRF के वकील चेतन शर्मा ने कहा है कि मुख्यालय का निर्माण राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। उन्होंने कहा है कि यह क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में कनॉट प्लेस भी शामिल है। शर्मा ने कहा है कि याचिकाकर्ता के परिवारों को बेघर करने का इरादा नहीं था, क्योंकि तोड़फोड़ के लिए जारी सूचना में ही यह विवरण दिया गया था कि वे दिल्ली शहरी आवास सुधार बोर्ड (DUSIB) द्वारा संचालित रैन बसेरों में रह सकते हैं।
कोर्ट को बताया गया है कि 2020 में NDRF को इस विवादित भूमि को आवंटित किया गया था और वर्तमान में उनका मुख्यालय पट्टे के परिसर में स्थित है, जिसके लिए करोड़ों रुपये का किराया दिया जा रहा है। इसके बाद कोर्ट ने कहा है कि NDRF के मुख्यालय का निर्माण रोका नहीं जा सकता है, लेकिन पक्षकारों के हितों को संतुलित करने की आवश्यकता है। अदालत ने मलिन निवासियों के पुनर्वास पर विचार करने के लिए संबंधित अधिकारियों को बताया है और DUSIB को 69 परिवारों को अस्थायी आश्रय प्रदान करने का निर्देश दिया है।