दिल्ली की विशेष अदालत ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में सभी आरोपियों को दोषी ठहराया है। पूर्व राज्यसभा विधायक विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंदर दर्डा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, वरिष्ठ लोक सेवक केएस क्रोफा और केसी सामरिया, मेसर्स जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक मनोज कुमार जयसवाल सभी को विशेष न्यायाधीश संजय ने दोषी ठहराया था।
अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत दोषी पाया। हालांकि, कोर्ट ने आरोपियों को 409 आईपीसी के तहत बरी कर दिया। अदालत ने सजा बहस के लिए 18 जुलाई की तारीख तय की है।
इससे पहले, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कहा था कि जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड ने पात्रता शर्तों की गलत बयानी से जुड़ी एक कथित आपराधिक साजिश के माध्यम से छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक प्राप्त किया।
कोयला घोटाले से जुड़े मामलों में यह 13वीं सजा है। गलत बयानी, झूठे दावों और लोक सेवकों की ओर से मिलीभगत या लापरवाही के जरिए कोयला ब्लॉक हासिल करने के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई ने कोयले से संबंधित मामले दर्ज किए।