शराब घोटाले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजधानी की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 7 दिन के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया है। राउज एवेन्यू कोर्ट के इस आदेश के बाद केजरीवाल और दिल्ली सरकार के लिए संकट गहरा गया है.
हालांकि 17 मार्च को बीआरएस नेता के कविता की गिरफ्तारी के बाद यह माना जा रहा था कि अब ईडी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी हिरासत में ले सकती है. अरविंद केजरीवाल भी ईडी की मंशा को भांप चुके थे, इसलिए उन्होंने ईडी की शिकायत पर एसीएमएम कोर्ट द्वारा जारी समन को एडीजे की अदालत में चुनौती दी थी. लेकिन निराशा हाथ लगी. इसके बाद वह एसीएमएम कोर्ट में पेश हुए और तुरंत जमानत मिल गई. इसके बाद ईडी ने एक और समन जारी कर अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को सुबह 11 बजे ईडी दफ्तर पहुंचने का निर्देश दिया. इस समन को अवैध बताते हुए अरविंद केजरीवाल हाई कोर्ट गए.
अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि उन्हें दंडात्मक कार्रवाई से अदालत की सुरक्षा की जरूरत है. अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ईडी के वकील एसवी राजू के बीच कई घंटों तक तीखी बहस चली. कई बार कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा. अंत में कोर्ट ने ईडी की ओर से पेश वकील एसवी राजू से कहा कि अगर आपके पास अरविंद केजरीवाल से पूछताछ के लिए पुख्ता सबूत हैं तो उसे कोर्ट के सामने पेश करें. इस पर राजू ने कहा कि उनके पास पर्याप्त दस्तावेज हैं. लेकिन उन्हें याचिकाकर्ता को नहीं दिखाया जा सकता.
मामले की सुनवाई कर रही बेंच के जस्टिस सुरेश कुमार कैत और मनोज जैन ने अपने चैंबर में ईडी द्वारा दिए गए दस्तावेजों का अध्ययन किया और लंच के बाद सुनवाई फिर से शुरू हुई. दोबारा सुनवाई शुरू होने पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि हमें ईडी की मंशा पर शक है. ईडी अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहती है. अगर गिरफ्तार नहीं करेंगे तो कोर्ट के सामने खुलकर क्यों नहीं कहते. उनके इरादे ठीक नहीं हैं इसलिए हमें सुरक्षा मिलनी चाहिए.’ इस पर ईडी के वकील एसवी राजू ने कहा कि हम कानून के मुताबिक काम करेंगे. कानून की नजर में आम आदमी और मुख्यमंत्री बराबर हैं. हम अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करना चाहते हैं. एसवी राजू ने कहा कि आठ महीने से लगातार समन भेजा जा रहा है. लेकिन वे ईडी के समन को ही अवैध बता रहे हैं. सवालों से बचने के लिए हर बार एक नई बात सामने आ जाती है.
इस पर कोर्ट ने पूछा कि ईडी ने अभी तक अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार क्यों नहीं किया तो एसवी राजू ने कहा कि हम उनसे पूछताछ करना चाहते हैं. काफी बहस के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को कोई राहत न देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तारीख तय की.
इसी बीच ईडी ने सर्च वारंट हासिल किया और 21 मार्च की शाम 7 बजे 8-10 की टीम अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर पहुंची.
अपने आवास पर इतनी बड़ी संख्या में ईडी अधिकारियों को देखकर अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए अपनी कानूनी टीम को सक्रिय कर दिया. केजरीवाल की एक कानूनी टीम ने ई-फाइलिंग की और दूसरी टीम रजिस्ट्रार (अवकाश) के घर पहुंच गई और तत्काल सुनवाई की मांग करने लगी. आख़िरकार जब बताया गया कि रात में सुनवाई नहीं होगी तो अरविंद केजरीवाल गिरफ़्तार होने को तैयार हो गये, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया. अरविंद केजरीवाल को शायद उम्मीद थी कि राउज़ एवेन्यू कोर्ट उन्हें ईडी की हिरासत में नहीं भेजेगा. ज्यादा से ज्यादा उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा. जहां से वह एक-दो दिन बाद जमानत लेकर बाहर आ जाएंगे।
राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल रिमांड एप्लिकेशन के पैरा 6.2 में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले का किंग पिन बताया है। ईडी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों-नेताओं और कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर साल 2021-22 के लिए एक ऐसी शराब नीति बनाई जिसके माध्यम से शराब के कारोबारियों से घूस वसूली जा सके। पैरा 6.2.1 में ईडी ने लिखा है कि शराब घोटाले की नीति बनाने में अरविंद केजरीवाल सीधे-सीधे संलिप्त हैं। साक्ष्य के तौर पर ईडी ने मनीष सिसोदिया के सेक्रेटरी सी अरविंद का स्टेटमेंट भी पेश किया है। ईडी ने अगले पैराग्राफ्स में बुची बाबू, विजय नायर, अरुण पिल्लै का भी ज़िक्र किया है। बुची बाबू सीधे-सीधे के.कविता से जुड़ा है। और के.कविता साउथ ग्रुप को रिप्रेजेंट करती थीं। अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप के मनमाफिक शराब नीति बनाने के लिए घूस ली थी। मगुनटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुनटा सहित तमाम लोगों के कलमबंद बयान ईडी ने सबूत के तौर पर पेश किए हैं। ईडी ने बताया कि किस तरह शराब की ख़रीद बिक्री के आधे बिल बनाए जाते थे और आधी धनराशि नक़द में दी जाती थी। ईडी ने यह भी बताया है कि किस तरह हवाला के जरिए करोड़ों रुपये गोवा पहुँचाए गए। इनमें से ४५ करोड़ रुपये घूस के साउथ ग्रुप से हवाला के ज़रिए मिले थे और आम आदमी पार्टी ने गोवा के २०२२ के इलेक्शन में खर्च किए थे। यह सब अरविंद केजरीवाल के इशारे और सीधी निगरानी में हो रहा था।इसी के आधार पर पीएमएलए एक्ट की धारा 70(1) के तहत आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ़ मनी लॉंड्रिंग का मामला दर्ज किया गया। अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले का किंग बताते हुए ईडी ने कहा कि चूँकि वो नेशनल कनवीनर और नेशनल एक्ज़ीक्यूटिव कमेटी का सदस्य थे इसलिए वो पार्टी के लिए फण्ड जुटाने का भी दायित्व ख़ुद सँभालते थे। वो सीधे-सीधे किकबैक माँगने-मंगाने में शामिल थे। अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले का किंग पिन साबित करने के लिए ईडी ने राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एनडीए गुप्ता का बयान भी पेश किया है। आख़िर में ईडी ने कहा है कि इस मामले मिले सबूतों की शिनाख्त और गवाहों से आमना-सामना-सामना कराने और आगे की पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल की 10 दिन की कस्टडी चाहिए।