सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तमिलनाडु में आरएसएस की प्रस्तावित रूट यात्रा को हरी झंडी दे दी है। जस्टिस वी रामा सुब्रह्मण्यम और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए तमिलनाडु सरकार की याचीका को ख़ारिज कर दिया।
दरसअल पिछले साल तमिलनाडु में 51 जगहों पर रूट मार्च रैली निकालने का एलान किया था। इस पर राज्य की DMK सरकार ने रोक लगा दी थी। डीएमके सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने की आशंका के चलते आरएसएस की रैली को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।
राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ आरएसएस ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने छह जगहों को छोड़कर बाकी जगहों पर आरएसएस को मार्च रैली करने की इजाजत दे दी। इसी फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचीका दाखिल की थी।
तमिलनाडु सरकार ने आरएसएस की रैली को इजाजत देने से इनकार की वजह बताते हुए कहा था कि जब सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रयास कर रही है, ऐसे वक्त में आरएसएस और अन्य संगठनों को रैली निकालने और जनसभा करने की इजाजत कतई नहीं दी जा सकती।