आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की जमानत याचिका को 21 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है।
टीडीपी लीगल टीम ने हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका दायर की। टीडीपी के कानूनी सलाहकार सुप्रीम सिद्दार्थ लूथरा ने मगंलवार को अदालत ने समक्ष अपनी दलीलें पेश की।
चंद्रबाबू नायडू को कथित कौशल विकास निगम घोटाले के सिलसिले में विजयवाड़ा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने 10 सितंबर को 23 सितंबर तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
सूत्रों के मुताबिक टीडीपी ने रविवार को यहां सर्वदलीय बैठक में आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया, जिसके बाद टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के बीच तीखी बहस हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक, टीडीपी के राम मोहन नायडू ने चंद्रबाबू की गिरफ्तारी और राज्य में लोकतंत्र की रक्षा के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के खिलाफ तेलुगु देशम पार्टी के सांसदों ने सोमवार को यहां संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया।
एजेंसी से बात करते हुए, लोकसभा सदस्य राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा कि पार्टी संसद के विशेष सत्र के दौरान टीडीपी प्रमुख की गिरफ्तारी को “निश्चित रूप से उठाएगी”।
अधिकारियों के अनुसार, जिस मामले में नायडू को गिरफ्तार किया गया है, वह आंध्र प्रदेश राज्य में उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के समूहों की स्थापना से संबंधित है, जिसका कुल अनुमानित परियोजना मूल्य 3300 करोड़ रुपये है।
एजेंसी के अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि कथित धोखाधड़ी से राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान हुआ है।