मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की मुश्किलें बढ़ गई है। बेटी के इलाज के लिए पूजा सिंघल को मिली अंतरिम ज़मानत की अवधि 10 अप्रैल को खत्म हो रही है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर 13 अप्रैल को सुनवाई करेगा, ऐसे में उन्हें सरेंडर करना पड़ सकता है।
वही पूजा सिंघल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्ज फ्रेम (आरोप गठन) पर बुधवार को रांची की जिला अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है। दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने आरोप तय के लिए 10 अप्रैल की तिथि तय की है।
अगर पूजा सिंघल के खिलाफ आरोप तय होते है तो उनके खिलाफ के खिलाफ ट्रायल शुरू किया जा सकता है। इससे पहले ईडी की विशेष कोर्ट ने 3 अप्रैल को अपना फैसला सुनाते हुए पूजा की बरी करने की याचीका को खारिज कर दिया था। डिस्चार्ज याचिका खारिज होने से पूजा सिंघल को बड़ा झटका लगा था। ईडी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट में मनरेगा घोटाला मामले में सुनवाई चल रही है।
पूजा सिंघल फिलहाल प्रोविजनल बेल पर है।सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कई शर्तों के साथ 2 महीने की अंतरिम जमानत दी है। इससे पहले कोर्ट ने पूजा सिंघल को 1 महीने की अंतरिम जमानत दी थी।
दरअसल पिछले साल 6 मई को ईडी ने पूजा सिंघल के आवास और उनसे जुड़े दो दर्जन से भी ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान पूजा के पति के सीए सुमन कुमार के ठिकानों से 19 करोड़ से ज्यादा नकद बरामद किये गये थे। इस मामले में पूछताछ के बाद ईडी ने 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया था। पिछले साल 5 जुलाई को ईडी ने पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा और सीए सुमन सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।