उत्तर प्रदेश की बलिया अदालत ने मंगलवार को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी स्कूलों में नौकरी करने के आरोप में 2 शिक्षकों को 7 साल कैद की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तपस्या त्रिपाठी ने दोषी ज्ञान प्रकाश यादव और राजू यादव पर प्रत्येक पर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मामले की जानकारी देते हुए बलिया के एसपी एस आनंद ने बताया कि स्पेशल टास्क फोर्स, गोरखपुर के इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह की शिकायत पर दोनों के खिलाफ 12 अक्टूबर 2022 को धारा 419 (वेश बदलकर धोखाधड़ी),आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 और 468 (दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा) और 471 (इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा)के तहत नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी।
आरोप था कि ज्ञान प्रकाश यादव फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 2011 से रसड़ा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कुरेम में नौकरी कर रहे थे. एसटीएफ ने जब ज्ञान प्रकाश यादव को गिरफ्तार किया तो पता चला कि उसने राजू यादव के साथ मिलकर फर्जी अभिलेख तैयार किये थे।
एसपी ने बताया कि, राजू यादव फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मऊ जिले के मधुबन क्षेत्र के फतहपुर स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय में नौकरी कर रहा था।