‘लीगली स्पीकिंग’ के विश्वस्त सूत्रों ने बताया है वन नेशन वन इलेक्शन पर कोविंद पैनल सरकार को बहुत जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है। वन नेशन वन इलेक्शन की यह रिपोर्ट वास्तव में प्रस्तुत की जारही है, तो यह भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की अवधारणा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
सूत्रों ने ‘लीगली स्पीकिंग’ को बताया कि सिफारिशों के मुताबिक संविधान के कई अनुच्छेदों में संशोधन शामिल हो सकता है। कोविंद पैनल की सिफारिशें सरकार के विभिन्न स्तरों पर चुनावी प्रक्रियाओं के समन्वय को सक्षम करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का सुझाव भी प्रस्तुत कर सकती हैं।
इसके अलावा चुनावों के विभिन्न स्तरों जैसे लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकायों के लिए एक एकीकृत मतदाता सूची बनाने पर ध्यान केंद्रित करना विशेष विषय हो सकता है।इतना ही नहीं चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और प्रशासनिक बोझ को कम करने का उद्देश्य भी इन सिफारिशों में शामिल हो सकता है।
ध्यान रहे इस पैनल में गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व विपक्षी नेता गुलाम नबी आज़ाद जैसी प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के अलावा कानूनी विशेषज्ञ और वरिष्ठ नौकरशाह भी शामिल हैं।
हालाँकि, यह भी उल्लेखनीय है कि लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने समिति की मंशा पर संदेह व्यक्त करते हुए पैनल का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था।
सूत्रों ने कहा है कि यदि रिपोर्ट वास्तव में महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधनों और एक साथ चुनावों को लागू करने के लिए व्यावहारिक तंत्र का सुझाव देती है, तो व्यापक विचार-विमर्श शुरू हो सकता है और संभावित रूप से भारत के चुनावी परिदृश्य को नया आकार दे सकती है।