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माफिया ही नहीं देश के दुश्मनों से भी था अतीक अहमद का गठजोड़, आतंकी को बनवाकर दिया था पासपोर्ट

Atique Ahmed

गुजरात से दोबारा प्रयागराज के नैनी जेल लाए जाने तक किसी को नहीं मालूम था कि माफिया अतीक अहमद के तार आतंकियों और देश द्रोहियों से जुड़े ही नहीं बल्कि दोनों एक दूसरे को भारत के खिलाफ मुहिम में खूब मदद कर रहे हैं। प्रयागराज के धूमनगंज थाने की पुलिस ने जब सीजेएम के सामने अतीक अहमद और अशरफ के कबूलनामे को पढ़ा तो सहसा किसी को विश्वास नहीं हुआ कि अतीक अहमद पाकिस्तानी टेररिस्टों का साथी-मददगार भी हो सकता है।

पुलिस जांच से पता चला है कि अतीक अहमद और अशरफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से मदद लेते थे और उनको मदद भी करते थे। इस नए खुलासे से पुलिस और जांच एजेंसियां ही नहीं बल्कि अतीक के जानकारों के पैरों के नीचे तले जमीन खिसक गई।

जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि अशरफ ने करेली से गिरफ्तार आतंकी जीशान कमर की पासपोर्ट बनवाने में मदद की थी।

अशरफ ने पासपोर्ट अधिकारी को पत्र लिखकर जीशान कमर को जानने और पासपोर्ट बनाने की बात लिखी थी। अशरफ ने अपने लेटर हेड पर जो पत्र पासपोर्ट अधिकारी को भेजा था, उसमें जीशान कमर को भली-भांति जानने की बात कही थी। ये पत्र जनवरी 2017 में लिखा गया था।

साल 2021 में जीशान कमर को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जीशान को पाकिस्तान में हथियार चलाने और प्रयागराज में रहकर आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी। ट्रेनिंग के बाद वह कुछ साथियों के साथ लखनऊ के रास्ते हथियारों को प्रयागराज ले आया और नैनी स्थित पोल्ट्री फार्म में छिपा दिया था। वो आनलाइन खजूर बेचने के बहाने आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था।

अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की इसी 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर हत्या कर दी गई थी। हत्या के समय दोनों भाई पुलिस कस्टडी में थे। पुलिस उनसे उमेश पाल हत्याकांड के संबंध में पूछताछ कर रही थी। पूछताछ में पुलिस को दोनों से अहम जानकारी मिली थी, जिसमें आईएसआई से कनेक्शन भी था।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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