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कंझावला कांड के अभियुक्तों पर पुलिस ने धारा 302 लगाई, रोहिणी कोर्ट ने आरोपी आशुतोष को दी जमानत

Kanjhawala Case, Rohini District Court

कंझावला हिट-एंड-ड्रैग मामले में आरोपी आशुतोष भारद्वाज को जमानत देते हुए, दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली पुलिस अभी तक कोई भी सीसीटीवी फुटेज या कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) पेश नहीं कर पाई है, जिससे यह पता चले कि आशुतोष ने साजिश रची थी।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट को बताया कि एफआईआर में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) जोड़ी गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने कहा “इस स्तर पर, जांच एजेंसी द्वारा सीडीआर/सीसीटीवी फुटेज आदि के रूप में कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया है, जो आरोपी/ आशुतोष को अन्य सह-आरोपी व्यक्तियों के साथ पूर्व बैठक को दिखाने के लिए पेश किया गया हो। अदालत ने फैसला सुनाया कि आरोपी 5 जनवरी से न्यायिक हिरासत में है और अब उसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।अदालत ने आशुतोष को 50 हजार रुपये के जमानती मुचलके और इतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दी।अदालत ने आरोपी पर कुछ शर्तें लगाईं, जिनमें से एक यह है कि वह “मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को कोई प्रलोभन, धमकी नहीं देगा”।”आरोपी सबूत के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा। वह अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेगा।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि वह हमेशा अपने मोबाइल के लोकेशन एप्लिकेशन को हर समय सक्रिय रखेगा, यह कहते हुए कि जब भी आवश्यकता होगी, उसे जांच एजेंसी के साथ सहयोग करना होगा।
आशुतोष ने अधिवक्ता शिल्पेश चौधरी और हिमांशु यादव के माध्यम से दूसरी जमानत याचिका दायर की थी।
चौधरी ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल की एकमात्र भूमिका यह है कि उन्होंने 31 दिसंबर को शाम करीब साढ़े पांच बजे अपने एक दोस्त अमित खन्ना को कार उनके पिता के आवास पर दी थी।
अधिवक्ता ने आगे कहा, “उन्होंने खुद अपनी कार पुलिस अधिकारियों को सौंप दी और इस मामले में अन्य सह-आरोपियों को गिरफ्तार करने में उनकी मदद की।”
इसी प्राथमिकी में सह-आरोपी अंकुश को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 7 जनवरी को पहले ही जमानत दे दी है।
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अपराध के समय आरोपी (आशुतोष) अपने परिवार और पड़ोसियों के साथ नए साल का जश्न मनाने के लिए अपने आवास पर मौजूद था।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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