ENGLISH

कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर के मुद्दे पर केंद्र सरकार को क्यों लगाई फटकार, यहाँ पढ़िए पूरी खबर

karnataka High Court

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) द्वारा जारी किए गए दस ब्लॉकिंग आदेशों को चुनौती देने वाली ट्विटर की एक याचिका में बार-बार सुनवाई टालने की मांग पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई। मामले की सुनवाई के दौरान जब केंद्र सरकार की तरफ से मामले की सुनवाई 27 जनवरी या 3 फरवरी को टालने की मांग की गई तो कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।

जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा “मैं सहमत नहीं, लोग क्या सोचेंगे? आपने कितनी बार स्थगन लिया है? ऑर्डर शीट देखें।

मामले की आखिरी सुनवाई 27 अक्टूबर, 2022 को हुई थी, जब ट्विटर ने तर्क दिया था कि केंद्र द्वारा जारी किए गए ब्लॉकिंग आदेशों में ऐसे कारण होने चाहिए जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं को बताए गए हों। ट्विटर ने उस दिन अपनी दलीलें पूरी की थीं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए समय मांगा था, और मामले को 16 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। फिर मामला 9 जनवरी के लिए सूचीबद्ध हुआ था।ट्विटर इंडिया ने तर्क दिया है कि केंद्र सरकार को सोशल मीडिया खातों को ब्लॉक करने के लिए सामान्य आदेश जारी करने का अधिकार नहीं था।

पीठ को बताया गया कि ब्लॉक करने का आदेश केवल उस स्थिति में जारी किया जा सकता है जहां सामग्री की प्रकृति सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत निर्धारित आधारों के अनुरूप हो। फरवरी 2021 से फरवरी 2022 तक, दस ब्लॉकिंग आदेश जारी किए गए; इसने ट्विटर को कुछ सूचनाओं को जनता तक पहुंचने से रोकने और कई खातों को निलंबित करने का निर्देश दिया था। दायर याचिका में, ‘ट्विटर इंडिया’ ने तर्क दिया है कि अकाउंट-लेवल ब्लॉकिंग एक असंगत उपाय है और संविधान के तहत उपयोगकर्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन करता है। कुल 1,474 अकाउंट और 175 ट्वीट में से ट्विटर ने सिर्फ 39 यूआरएल को ब्लॉक करने को चुनौती दी है

Recommended For You

About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *