जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एनआईए की एक अदालत ने मंगलवार को जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी कमांडर सहित दो आतंकवादियों को भगौड़ा घोषित कर कुर्की के आदेश जारी किए हैं। कुर्की के आदेश में कहा गया है कि अगर ३० दिन के भीतर आरोपियों ने सरेंडर नहीं किया तो उनके घर-सामान और जमीन जायदाद की कुर्की कर ली जाएगी।
इस बारे में पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “पुलवामा में एनआईए अदालत द्वारा सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 82 के तहत उद्घोषणा एक नामित आतंकवादी और विभिन्न आतंकी गतिविधियों में सक्रिय आतंकवादी के संबंध में जारी की गई है।” उद्घोषणा नामित आतंकवादी आशिक अहमद नेंगरू के संबंध में जारी की गई है, जो कथित रूप से विभिन्न आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं, जिसमें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज एक मामला भी शामिल है।
पुलिस के मुताबिक सक्रिय आतंकवादी रियाज अहमद डार भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज एक मामले में कथित रूप से शामिल है। उन्होंने कहा कि अदालत ने उन्हें सक्षम प्राधिकारी के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए 30 दिन का समय दिया है।
उद्घोषणा जारी करने से पहले, एनआईए अदालत ने एक गैर-जमानती, ओपन एंडेड वारंट जारी किया। प्रवक्ता ने कहा कि उद्घोषणा आदेश उनके मूल स्थानों और गांवों के प्रमुख स्थानों पर चिपकाया गया था।
नेंगरू एक वांछित जैश-ए-मोहम्मद कमांडर है और 2019 के पुलवामा हमले का आरोपी है जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे।
पिछले दिसंबर में, अधिकारियों ने दक्षिण कश्मीर में पुलवामा के राजपोरा इलाके में उनके दो मंजिला घर को यह दावा करते हुए ध्वस्त कर दिया कि यह राज्य की भूमि पर बनाया गया था।