आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को बड़ी राहत मिल गई है। पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक राज्यसभा सचिवालय के सरकारी बंगला आवंटन रद्द होने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी है। जिसका मतलब है कि राज्यसभा सचिवालय के आदेश पर अमल नहीं किया जा सकेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 10 जून को होगी।
दरसअल यह पूरा मामला आप सांसद के टाइप 7 बंगले से जुड़ा है।राज्यसभा सचिवालय की तरफ से उन्हें इस बंगले के आवंटन को रद्द करने का नोटिस भेजा गया है। राघव का कहना है कि राज्यसभा सचिवालय की तरफ से बंगले का आवंटन रद्द करने की कार्रवाई केंद्र सरकार के इशारे पर की गई है। याचीका में कहा गया कि राज्यसभा के उपसभापति ने उचित प्रक्रिया के बाद उन्हें यह सरकारी बंगला आवंटित किया था। इतना ही नही आवंटित बंगला रद्द करना कोई प्रशासनिक निर्णय नहीं है। राघव ने इस मामले में राज्यसभा सचिवालय से मानसिक पीड़ा और परेशानी के लिए 5.50 लाख रुपये हर्जाना की भी मांग की है।
वही राज्यसभा सचिवालय का कहना है कि राघव चड्ढा पहली बार सांसद बने हैं।इतना ही नही अप्रैल 2020 में राज्यसभा सदस्यों के लिए जारी हैंडबुक के अनुसार पहली बार के सांसद को टाइप 5 का सरकारी बंगला आवंटित होता है। सचिवालय का कहना है कि सांसद जिस वर्तमान टाइप 7 बंगले में रह रहे हैं इस तरह का बंगला राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री, लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष या पूर्व केंद्रीय मंत्री को आवंटित होता है। हालांकि, नियम के अनुसार हाउस कमेटी के अध्यक्ष को असाधारण परिस्थितियों /विशेष मामलों में आवास आवंटित करने का अधिकार होता है।
वही राज्यसभा के उपसभापति ने चड्ढा के आग्रह पर उन्हें पंडारा रोड पर ही टाइप 7 बंगला नंबर AB-5, आवंटित किया गया था। इसके बाद चड्ढा ने उसमें रेनोवेशन का काम कराया। काम पूरा होने के बाद वह अपने परिवार के साथ बंगले में शिफ्ट भी हो गए। लेकिन इसके बाद 3 मार्च को उन्हें बंगले के आवंटन को रद्द करने का नोटिस मिला