दिल्ली की एक अदालत ने 20 साल पुराने सड़क दुर्घटना के मामले में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए कहा कि इस मामले में दोषी करार दिए गए व्यक्ति को सजा पर बहस 22 दिसंबर को होगी। 20 सालों तक अदालत में इस मुकदमे को लेकर मैराथन सुनवाई चली है।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीक्षा सेठी ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने ये साबित कर दिया है कि आरोपी चालक दुर्घटना के समय लापरवाही से ट्रैक्टर चला रहा था और ऐसा करते हुए आरोपी ने पीड़ित को गंभीर चोट पहुंचाई थी, इसलिए आरोपी को दोषी ठहराया जाता है.”
अदालत ने आरोपी को भारती दंड संहिता की धारा 279, 338 के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने साथ ही ये भी कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह पता चलता हो कि पीड़ित की मौत दुर्घटना में लगी चोट के कारण हुई। कोर्ट ने कहा कि चश्मदीद गवाह मृतक के बेटे की गवाही सुसंगत थी और उसके बयान में कोई विरोधाभास नहीं था। कोर्ट ने कहा एकल चश्मदीद की गवाही को पूरी तरह से विश्वसनीय बताया। अदालत ने कहा कि उसकी एकमात्र गवाही के आधार पर सजा हो सकती है।
दरअसल 2 मार्च 2002 को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पुराने पंखा रोड पर एक ट्रैक्टर से एक व्यक्ति को धक्का लग गया था और इस दुर्घटना में पीड़ित को गंभीर चोटें आई थीं. करीब 12 दिन तक चले उपचार के बाद घायल नवल किशोर शर्मा की अस्पताल में मौत हो गई थी और इस मामले में ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
अभियोजन पक्ष ने अदलात में कहा था कि नवल किशोर शर्मा को गंभीर रूप से घायल देख ट्रैक्टर चालक मौके से फरार हो गया था।इस मामले में उत्तम नगर थाने की पुलिस ने ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया था।