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ज्ञानवापी की तर्ज पर होगा श्रीकृष्ण जन्मभूमि का सर्वे, मगर कोर्ट में ‘कंडोलेंस’ की वजह से फिर टला

Krishna Janambhumi

मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में सोमवार को अमीन द्वारा सर्वे शुरू नहीं हो सका। दरसअल आज कोर्ट में कंडोलेंस नोटिस आया कोर्ट में अवकाश हो गया। इसी कारण सर्वे भी शुरू नहीं हो पाया।

24 दिसम्बर को मथुरा की निचली अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद को लेकर हिंदू सेना के दावे पर ईदगाह का अमीन सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। अमीन को 20 जनवरी से पहले अपनी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करनी है।

याचिकाकर्ता के वकील शैलेश दुबे ने लीगली स्पीकिंग को बताया कि 8 दिसंबर को दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की न्यायाधीश सोनिका वर्मा की अदालत में यह दावा पेश किया था। इस दावे में  कहा गया है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़कर ईदगाह तैयार कराई गई थी। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास अदालत के समक्ष पेश किया। उन्होंने साल 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध बताते हुए निरस्त किए जाने की मांग की है।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा इससे पूर्व भी आधा दर्जन से अधिक वादी सिविल जज सीनियर डिवीजन (प्रथम) ज्योति सिंह की अदालत में भी यही मांग रख चुके हैं। हालांकि अब तक उन याचिकाओं पर कोई फैसला नहीं हो सका है।

इससे पहले वाराणसी के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में 17 अगस्त 2021 को पांच महिलाओं ने श्रृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका डाली थी। इस पर सुनवाई करते हुए वहां उस समय तैनात सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। 

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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