राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में कर्नाटक के मंगलुरु में हुए इस्लामिक स्टेट प्रायोजित प्रेशर कुकर विस्फोट में मुख्य आरोपी और उसके सहयोगी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में मोहम्मद शारिक और सह-आरोपी सैयद शारिक का नाम है।
शारिक एक ऑटोरिक्शा में प्रेशर कुकर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस ले जा रहा था, जब पिछले साल 19 नवंबर को उसमें विस्फोट हो गया। उसने हिंदू समुदाय के बीच आतंक पैदा करने के उद्देश्य से मंगलुरु के कादरी मंजुनाथ मंदिर में आईईडी लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन कम तीव्रता वाला बम गलती से रास्ते में फट गया था।
मामला पिछले साल 23 नवंबर को आईपीसी और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। शारिक को इस साल जुलाई में उसके सह-आरोपी सैयद शारिक के साथ एनआईए ने गिरफ्तार किया था।
एनआईए की जांच के अनुसार, शारिक और सैयद ने एक ऑनलाइन हैंडलर के साथ मिलकर खिलाफत (शरिया कानून) स्थापित करने की साजिश के तहत विस्फोट की योजना बनाई थी। साजिश के अनुसरण में, मोहम्मद शारिक ने प्रेशर कुकर आईईडी तैयार किया और सैयद यासीन ने विस्फोटक के लिए सामग्री सहायता प्रदान की थी।
शारिक पहली बार नवंबर 2020 में सुरक्षा बलों के रडार पर आया, जब उसे मंगलुरु शहर में आतंकवाद समर्थक भित्तिचित्रों के लिए राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसने और उसके साथियों ने वैश्विक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के समर्थन में भित्तिचित्र लगाया था।
इसके बाद शारिक को 2022 के शिवमोग्गा आईएस साजिश मामले में भी नामित किया गया था, जिसमें अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार किए गए इन 10 लोगों में से शारिक और सैयद यासीन समेत 9 पर इस साल 30 जून को भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने, धन जुटाने और आईएस की भारत विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए परीक्षण विस्फोट करने के आरोप में आरोप पत्र दायर किया गया था।