उत्तर प्रदेश के एक और माफिया मुख्तार अंसारी को अदालत ने औकात याद दिला दी है। इससे पहले प्रयागराज पुलिस ने अतीक और अफसर की सुनवाई की थी। अतीक और अफसर की हत्या प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में अस्पताल ले जाते समय कर दी गई थी।
फिलहाल, गाजीपुर की एमपीएमलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार को जहां 10 साल की सजा और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है तो वहीं मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में 4 साल की सजा और 1 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस फैसले के तुरंत बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता जाना तय हो गई है।
सरकारी वकील ने कोर्ट के फैसले की पुष्टि की है। मुख्तार के मामले में वर्चुअल सुनवाई हुई और उसको वर्चुअल सजा सुनाई गई। मुख्तार को सजा के ऐलान के वक्त अफजाल अंसारी, मीडिया यहां तक कि उन वकीलों को भी कोर्टरूम से बाहर कर दिया गया था जो केस से संबंधित नहीं थे। उसके बाद कोर्ट ने अफजाल अंसारी को कोर्ट रूम में बुलाया और गैंगस्टर एक्ट में दोषी ठहराते हुए तत्काल हिरासत में लेने के आदेश दिए। इसके बाद अदालत ने कुछ समय फैसला लिखने लिया और और पढ़ कर सुनाया।
मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में हैं। वो वहीं से वर्चुअली कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुआ। बीजेपी नेता कृष्णानंद राय और नंद किशोर रुंगटा की हत्या में मुख्तार-अफजाल दोनों ही बरी हो चुके हैं।
2007 के बाद यानी 16 साल से यह मामला गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था। इस मामले में पहले 15 अप्रैल को फैसला आना था। जज के छुट्टी पर जाने से सुनवाई टल गई थी। पिछले साल 23 सितंबर 2022 को दोनों भाई पर गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोप तय हुए थे। इसके बाद वादी पक्ष की तरफ से गवाही और बहस पूरी हो चुकी थी।
पिछले दिनों अफजाल अंसारी ने कहा था, “हम पर हत्या का जो केस लगाया था उसमें कोर्ट बरी कर चुका है। ऐसे में गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे का कोई आधार नहीं बनता है। कोर्ट पर भरोसा है।” दरअसल, हत्या से बरी होने की बात को आधार मानते हुए अफजाल अंसारी ने गैंगस्टर केस के खिलाफ हाइकोर्ट गए थे लेकिन वहां राहत नहीं मिली थी।
मुख्तार अंसारी को सितंबर 2022 से 29 अप्रैल 2023 तक कुल 4 मामलों में सजा मिल चुकी है। 22 सितंबर 2022 को मुख्तार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी। अगले ही दिन उसे दूसरे मामले में 5 साल की सजा मिली