मुंबई की एक विशेष अदालत ने करोड़ों रुपये के बैंक ऋण घोटाला मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रमोटर धीरज वधावन को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया है।
वधावन को दिल की बीमारी के लिए एक निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति है, लेकिन उन्हें निर्देश दिया गया है कि वह अनावश्यक रूप से अपने प्रवास को न बढ़ाएं, साथ ही उन्हें ले जाने वाले जेल कर्मचारियों का खर्च भी वहन करें।
विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने वधावन की मेडिकल जमानत याचिका खारिज कर दी, लेकिन उन्हें हृदय संबंधी बीमारी के लिए एक निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दे दी।
अदालत ने सीबीआई को अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान वधावन की निगरानी के लिए एक अधिकारी को नियुक्त करने का निर्देश दिया है।
वधावन, राणा कपूर और कपिल वधावन सहित अन्य व्यक्तियों पर यस बैंक और डीएचएफएल के बीच वित्तीय धोखाधड़ी योजना में शामिल होने का आरोप है।
सीबीआई का आरोप है कि यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को रिश्वत दी गई थी।
वधावन बंधु फिलहाल हिरासत में हैं और यस बैंक-डीएचएफएल घोटाले में उनकी भूमिका के लिए सीबीआई और ईडी दोनों द्वारा अभियोजन का सामना कर रहे हैं।