आजादी के बाद भारत के न्यायालय में यह शायद पहलीबार था जब किसी चीफ जस्टिस ने बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को ने केवल डांटा बल्कि कोर्ट रूम से बाहर जाने का हु्क्म सुना दिया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट विकास सिंह के बीच दरार बढ़ती जा रही है। गुरुवार को तीखी बहस हुई। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आज अदालत में अपना आपा खो दिया और सीनियर एडवोकेट विकास सिंह को एक याचिका की लिस्टिंग पर कथित आपत्तिजनक शब्दों के लिए कोर्ट से बाहर जाने का आदेश दिया।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सीनियर एडवोकेट विकास सिंह पर जोर से चिल्लाते हुए कहा-“चुप रहो। अभी इस अदालत को छोड़ दो। तुम हमें डरा नहीं सकते!”
दरअसल, चैंबर्स ब्लॉक में वकीलों के लिए सुप्रीम कोर्ट को आवंटित की गई 1.33 एकड़ भूमि को परिवर्तित करने के लिए दायर याचिका को सूचीबद्ध करने के संबंध में ये बहस हो रही थी।
यह मामला काफी दिनों से लंबित है। विकास सिंह, सीजेआई को एक लम्बी चौड़ी चिट्ठी लिख अपनी विवशता और चैंबर्स की आवश्यकता जता चुके हैं। एडवोकेट विकास सिंह ने मामले की स्पेशल मेंशनिंग की। जिस पर सीजेईआई चंद्रचूड़ ने नामंजूर कर दिया। इस पर विकास सिंह ने कहा कि वो इस मामले को न्यायाधीशों के निवास तक नहीं ले जाना चाहते हैं। हम धरने पर बैठ जाएंगे। इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एससीबीए के अध्यक्ष विकास सिंह को फटकारा और कहा, “क्या यह व्यवहार करने का तरीका है? मैं इस तरह से नहीं डरूंगा। बैठ जाओ।” हालांकि, सिंह ने इस मामले पर अपनी मजबूत भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि वकीलों को चैंबर आवंटित किए जाने के लिए 20 साल से इंतजार किया जा रहा है और अदालत ने बार-बार उल्लेख करने के बावजूद अभी तक इसे सूचीबद्ध नहीं किया।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “कृपया अपनी आवाज न उठाएं। यह एससीबीए के अध्यक्ष के रूप में व्यवहार करने का तरीका नहीं है। आप सुप्रीम कोर्ट को आवंटित भूमि को बार को देने के लिए कह रहे हैं। मैंने अपना निर्णय लिया है। इसे 17 तारीख को लिया जाएगा और यह पहले बोर्ड पर नहीं होगा।” इस पर सिंह ने कहा, “सिर्फ इसलिए कि बार कुछ नहीं करता है इसका मतलब यह नहीं कि इसे हल्के में लिया जाना चाहिए। मैं इसके लिए दृढ़ता से महसूस करता हूं। 20 साल से वकील चैंबर आवंटित किए जाने का इंतजार कर रहे हैं।”
इसपर सीजेआई ने कहा, “मिस्टर सिंह, मैं भारत का चीफ जस्टिस हूं। मैं लंबे समय तक बेंच में रहा हूं। मैंने कभी भी बार के सदस्यों से खुद को परेशान नहीं होने दिया। मैं अपने कार्यकाल के अंतिम 2 वर्षों में ऐसा नहीं होने दूंगा। आपको सामान्य वादी के रूप में व्यवहार करना चाहिए। कृपया मेरे हाथ को कुछ ऐसा करने के लिए मजबूर न करें जो आप नहीं चाहते।’