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दिल्ली शराब घोटालाः सरकारी गवाह बनाने के बावजूद सीबीआई ने वापस नहीं लुकआउट नोटिस अदालत ने की खिंचाई

Delhi Liquor Scam

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से पूछा कि जब कोई व्यक्ति अब आरोपी नहीं है तो उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) कैसे जारी रखा जा सकता है।

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले की प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामित एक व्यवसायी दिनेश अरोड़ा द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह सवाल पूछा, जिसमें उनके खिलाफ जारी एलओसी को वापस लेने की मांग की गई थी। दिनेश अब सीबीआई का अप्रूवर बन गया है।
विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए सीबीआई की खिंचाई की और पूछा, ”किस प्रावधान के तहत एलओसी को जारी रखा जा सकता है?
न्यायाधीश ने कहा, “बेहतर होगा कि आप इसे वापस ले लें, अगर अदालत आदेश पारित करती है, तो वह इसे सख्ती से पारित करेगी।” सीबीआई के अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) ने दलील दी कि दिनेश अरोड़ा की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एलओसी जारी है।
कोर्ट ने पूछा, ‘आप (सीबीआई) कब तक एलओसी जारी रखेंगे?’

अदालत ने सीबीआई के जांच अधिकारी और वकील आर के ठाकुर से एलओसी जारी करने और वापस लेने के लिए दिशा-निर्देश प्रस्तुत करने को कहा। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों के अनुरोध पर, मामले को 8 जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

अदालत को वकील आरके ठाकुर ने सूचित किया कि दिनेश अरोड़ा को अपनी पत्नी और छोटे बेटे के साथ 15 जून को नीदरलैंड जाना है। उनका बड़ा बेटा वहीं पढ़ता था। लुक आउट नोटिस की वजह से वो विदेश नहीं जा पा रहा है।

अगस्त 2022 में, सीबीआई ने आबकारी नीति घोटाले में मामला दर्ज किया और आबकारी नीति मामले में आरोपी के रूप में नामित आठ निजी व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया था। आरोपियों में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त पंकज भटनागर शामिल हैं तथा अन्य कुछ लोग शामिल हैं।

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About the Author: Ashish Sinha

-Ashish Kumar Sinha -Editor Legally Speaking -Ram Nath Goenka awardee - 14 Years of Experience in Media - Covering Courts Since 2008

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