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मानहानि मामला: स्वास्थ्य आधार पर कोर्ट में पेश नहीं हुए बजरंग पुनिया, कोर्ट ने पेशी से दी छूट

पहलवान बजरंग पुनिया बुधवार को स्वास्थ्य कारणों से दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में बुधवार को पेश नहीं हुए। अदालत ने बीबीउन्हें केवल आज के लिए पेशी से छूट दी है। दरअसल मानहानि के एक मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें समन जारी किया था। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 14 सितंबर अदालत ने तय की है। इस बीच, अदालत ने शिकायतकर्ता के वकील नरेश दहिया को पुनिया के वकील को शिकायत की एक प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

पुनिया के वकील अदालत के समक्ष पेश हुए। उन्होंने कहा कि पुनिया को आज सुबह बुखार हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि ‘वकालतनामा’ पर हस्ताक्षर नहीं किया जा सकता क्योंकि पुनिया दिल्ली से बाहर रहते हैं।
इससे पहले, पटियाला हाउस ने नरेश दहिया (कुश्ती कोच) द्वारा दायर मानहानि मामले में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया को समन जारी किया था।

शिकायतकर्ता नरेश दहिया ने आपराधिक मानहानि शिकायत के माध्यम से कहा कि 10 मई, 2023 को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान, बजरंग पुनिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह पता चलता है कि आरोपी बजरंग पुनिया ने शिकायतकर्ता (नरेश दहिया) के खिलाफ तीस हजारी कोर्ट में चल रहे बलात्कार के मामले का संदर्भ दिया था। लेकिन अदालत में गवाह की रिकॉर्डिंग के दौरान शिकायतकर्ता ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसे 2019 में ही उक्त बलात्कार मामले से बरी कर दिया गया था और उक्त तथ्य आरोपी को भी अच्छी तरह से पता था, जो उसी बिरादरी का हिस्सा है।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट यशदीप चहल ने बजरंग पुनिया के लिए समन जारी करते हुए कहा कि शिकायत, सहायक दस्तावेजों और अनुमानित साक्ष्यों पर विचार करने पर, मेरा प्रथम दृष्टया विचार है कि मानहानि का मामला बनता है।
ऐसा प्रतीत होता है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया गया बयान दुर्भावनापूर्ण इरादे का नतीजा था और अच्छे इरादे से नहीं दिया गया था। उसी के मद्देनजर, आरोपी, बजरंग पुनिया को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 499 के तहत दंडनीय अपराध के लिए बुलाया जाए।

शिकायतकर्ता नरेश दहिया की ओर से वकील सुधीर नागर, आशीष तंवर, राजेश रेक्सवाल और रविंदर सिंह ने कहा कि बरी करने का तथ्य सर्वविदित है और शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को धूमिल करने के लिए आरोपी ने दुर्भावनापूर्ण हमला किया था।

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About the Author: Neha Pandey

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