दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 1 जून तक बढ़ा दी है। मनीष सिसोदिया ने अपने जेल में अपने बैरक में कुर्सी-टेबल की मांग की है। सिसोदिया के इस आग्रह पर कोर्ट ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अध्ययन के उद्देश्य से कुर्सी और टेबल प्रदान करने के उनके अनुरोध पर विचार करें।
सीबीआई ने आबकारी नीति घोटाला मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं। इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने मनीष सिसोदिया और तीन अन्य के खिलाफ सीबीआई के पूरक आरोपपत्र पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सिसोदिया के अलावा आरोपपत्र में अर्जुन पांडे, बुची बाबू गोरंटला और अमनदीप ढाल के भी नाम हैं। विशेष न्यायाधीश एमक. नागपाल ने इसे 27 मई को आदेश सुनाने के लिए सूचीबद्ध किया है।
सीबीआई ने अपने पूरक आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने शराब नीति के संबंध में टिप्पणी-सुझाव मांगने की प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) के अध्यक्ष जाकिर खान के माध्यम से अपने हिसाब से कुछ ईमेल मंगवाए थे। चार्ज शीट में इस बात का भी जिक्र है कि मनीष सिसोदिया ने शराब नीति घोटाले में इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन को नष्ट करने की बात कबूल की है।
जांच एजेंसी ने दावा किया है कि सिसोदिया पूर्व आबकारी आयुक्त रवि धवन द्वारा 13 अक्टूबर 2020 को सौंपी गई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों से खुश नहीं थे और उन्होंने नए आबकारी आयुक्त राहुल सिंह को आम जनता और हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित करने के लिए आबकारी विभाग के पोर्टल पर रिपोर्ट डालने का निर्देश दिया। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने आबकारी विभाग द्वारा तैयार कैबिनेट नोट के मसौदे को नष्ट कर दिया जिसे 28 जनवरी 2021 को हुई बैठक में मंत्रिपरिषद के समक्ष रखा गया था।
सीबीआई और ईडी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि नष्ट किए गए मोबाइल फोनों में ऐसा क्या राज छुपा था जिसके चलते सिसोदिया ने उन्हें नष्ट कर दिया।