दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी मनीष सिसोदिया की ज्यूडिशियल कस्टडी पर बहस के दौरान ईडी के वकील ने कोर्ट को बताया कि जांच के दौरान हवाला से संबंधित कुछ दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों को कोर्ट के सामने रखने और जांच को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए मनीष सिसोदिया को न्यायिक हिरासत में रखना जरूरी है। उनके बाहर आने से साक्ष्यों पर प्रभाव पड़ सकता है। ईडी के वकील की दलीलों का मनीष सिसोदिया के वकील ने विरोध किया, मगर कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल तक बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए।
मनीष सिसोदिया के वकीलों ने मनीष सिसोदिया की जमानत की अर्जी भी लगाई थी, जिस पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 12 अप्रैल निर्धारित की है।
जिरह के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील ने शराब नीति के अप्रूवल के लिए अकेले वो जिम्मेदार नहीं है। क्यों कि उनके पास 9 विभाग थे। शराब नीति बनानेकी जिम्मेदारी आबकारी विभाग की थी। पॉलिसी आबकारी विभाग द्वारा तैयार की गई थी। इस मसौदे के बाद नीति योजना विभाग के पास चली गई। इसे मंजूरी दी गई थी। फिर वित्त और कानून विभाग द्वारा अनुमोदित किया गया। इनमें से किसी भी विभाग ने इस पर आपत्ति नहीं जताई।
सिसोदिया के वकील ने कहा कि 20 अप्रैल 2021 को और 19/5/2021 को जो संशोधनों का सुझाव दिया, उसे कैबिनेट नेअनुमोदित किया। पॉलिसी में संबंधित कंपनियों के क्लॉज में 12% प्रॉफिट मार्जिन शामिल है। यह क्लॉज केवल एल1 और होलसेलर्स के लिए था, एलजी ने कहा कि इसे होलसेलर्स और रिटेलर्स पर भी लागू करें और अब वे कह रहे हैं कि 12% जादुई मार्जिन कहां से आ गया है।
मनीष सिसोदिया के वकील संजय गोयल ने कहा कि इसे सभी ने इसे स्वीकार किया और अब केवल सिसोदिया को दोष दे रहे हैं। सिसोदिया के वकील- आरोप लगाया जा रहा है कि CBI जांच की सिफारिश के दौरान फोन को बदला गया उसके बाद दूसरे के नाम पर नया फोन और सिम लिया गया, जांच एजेंसी के पास चार मोबाइल फोन है, लेकिन जो आरोप लगाया जा रहा है उसमें कुछ तो लॉजिक होना चहिये।