वाराणसी जिला अदालत ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के चल रहे एएसआई सर्वेक्षण में मस्जिद के “वज़ूखाना” को शामिल करने की मांग वाली याचिका पर अपना 21 अक्तूबर को फैसला सुनाएगा।
अदालत वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक राखी सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। लीगली स्पीकिंग से बात करते हुए हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि वज़ूखाना के सर्वे के बिना ज्ञानवापी कॉम्प्लेक्स का सच सामने नहीं आ सकता।
मस्जिद प्रबंधन समिति ने अदालत को बताया कि वज़ूखाना का क्षेत्र सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील कर दिया गया था और आरोप लगाया कि हिंदू पक्ष ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए ऐसी मांग की है। इसलिए हिंदू पक्ष की इस मांग को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
एएसआई यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया था या नहीं।
वर्तमान में, “वज़ूखाना” (मुस्लिम भक्तों के लिए अनुष्ठान करने के लिए एक छोटा जलाशय), जहां हिंदू वादियों द्वारा ‘शिवलिंग’ होने का दावा किया गया एक ढांचा मौजूद है, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सर्वेक्षण का हिस्सा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने परिसर में उस स्थान की सुरक्षा करने का आदेश दिया था।